दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मातृत्व लाभ अधिनियम के एक प्रावधान को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया। जिसमें कहा गया है कि Adoption मदर्स मातृत्व अवकाश के लिए तभी पात्र होंगी जब वे 3 महीने से कम उम्र के बच्चों को गोद लेंगी। न्यायमूर्ति एस अब्दुल नज़ीर और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने उस याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा जिसमें कहा गया था कि यह प्रावधान Adoption मदर्स के प्रति भेदभावपूर्ण और मनमाना है। याचिकाकर्ता हंसानंदिनी नंदूरी ने मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 की धारा 5(4) की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी। जिसके अनुसार 12 सप्ताह के मातृत्व लाभ का लाभ उठाने के लिए एक व्यक्ति को तीन महीने से कम उम्र के बच्चे का दत्तक ( Adoption ) माता-पिता होना चाहिए। ( maternity leave)
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3 महीने से कम उम्र के गोद लिए बच्चे को ही दिया जाता है मैटरनिटी लीव - सुप्रीम कोर्ट ने छुट्टी नियमों पर केंद्र को नोटिस जारी..
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