Monkeypox vaccine made in India: दुनियाभर में मंकीपॉक्स के मामले बढ़ते ही जा रहे है. अलग-अलग देशों से होकर अब मामले भारत तक पहुंच रहे है. हालंकि भारत में अभीतक एक भी मामला सामने नहीं आया है. पड़ोसी देशों में मंकीपॉक्स के मामले बढ़ने के कारण भारत में चिंता बढ़ गई है. इसकारण केंद्र सरकार ने एयरपोर्ट, बार्डर पर अलर्ट जारी किया है. लेकिन भारत हमेशा से ही हर खतरे के लिए अलर्ट और सावधान रहता है. इस बार भी कोरोना वैक्सीन कोवीशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने मंकीपॉक्स (Mpox) वैक्सीन बनाने का ऐलान किया है. कंपनी के CEO अदार पूनावाला ने बताया- Mpox के ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित होने के बाद लाखों लोगों की मदद करने के लिए हम एक वैक्सीन विकसित कर रहे हैं.
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केंद्र ने 3 अस्पतालों में बनाए नोडल सेंटर
भारत सरकार ने 19 अगस्त को Mpox के बढ़ते मामलों के बीच देश के सभी पोर्ट और एयरपोर्ट के साथ पाकिस्तान और बांग्लादेश बॉर्डर पर अलर्ट जारी किया था. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अधिकारियों को बाहर से आने वाले यात्रियों में मंकीपॉक्स के लक्षणों को लेकर सतर्क रहने के लिए कहा है. फिलहाल भारत में अभी मंकीपॉक्स से कोई संक्रमित नहीं है.आखिरी मामला मार्च 2024 में सामने आया था. स्वास्थ्य मंत्रालय ने 19 अगस्त को दिल्ली में केंद्र के तीन बड़े अस्पतालों- राम मनोहर लोहिया, सफदरजंग और लेडी हार्डिंग में नोडल सेंटर्स बनाए हैं. इन अस्पतालों में मंकीपॉक्स के मरीजों के इलाज और देखभाल के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं.
भारत में 2022 से मंकीपॉक्स के 30 केस मिले
केंद्र ने सभी राज्य सरकारों को उनके राज्य के अस्पतालों में मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए जरूरी व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए. अधिकारियों ने बताया कि अभी तक के आकलन के मुताबिक, मंकीपॉक्स के बड़े पैमाने पर फैलने का खतरा कम है. भारत में 2022 के बाद अब तक मंकीपॉक्स के 30 मामले सामने आए हैं. आखिरी मामला मार्च 2024 में सामने आया था. भारत में मंकीपॉक्स की जांच के लिए 32 लेबोरेटरी हैं. WHO के मुताबिक, 2022 के बाद से वैश्विक स्तर पर 116 देशों में मंकीपॉक्स के 99,176 मामले और 208 मौतें दर्ज की गई हैं. इस साल अब तक 15,600 से अधिक मामले और 537 मौतें दर्ज की गई हैं.
मंकीपॉक्स हेल्थ इमरजेंसी घोषित
14 अगस्त को WHO ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था. यह 2 साल में दूसरी बार है, जब इस बीमारी को हेल्थ इमरजेंसी बताया गया. WHO इसलिए भी चिंतित है क्योंकि मंकीपॉक्स के अलग-अलग प्रकोप में मृत्यु दर अलग-अलग देखी गई है. कई बार तो यह 10% से भी अधिक रही है. WHO के मुताबिक, मंकीपॉक्स की शुरुआत अफ्रीकी देश कांगो से हुई थी. इसके बाद ये तेजी से पड़ोसी देशों में फैली। अफ्रीका के 10 देश इसकी गंभीर चपेट में हैं। कोरोना की तरह यह ट्रैवलिंग से दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में फैल रही है।