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पितृपक्ष विशेष : इऩ 7 स्थानों में पिंडदान का है अपना ही महत्व, दूर-दूर से आते हैं लोग

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पितृपक्ष विशेष : इऩ 7 स्थानों में पिंडदान का है अपना ही महत्व, दूर-दूर से आते हैं लोग
नई दिल्ली | Patriarchal importance Hardwar Gaya : हिंदू धर्म में पितरों को बहुत महत्व दिया जाता है. नवरात्रि के ठीक पहले पितृपक्ष के पूरे 15 दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पूजा-पाठ और पिंडदान किया जाता है. हिंदू धर्म मान्यताओं के अनुसार घर के किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद पिंडदान करने से मृतक को मोक्ष की प्राप्ति होती है. यही कारण है कि हिंदू धर्म में पितृपक्ष के इस महीने को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस साल भी 6 अक्टूबर से पितृपक्ष का महीना शुरु हो गया है. लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में पिंडदान के लिए इन सात स्थानों को श्राद्धक्रम के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. कहा जाता है कि इन स्थानों पर पिंडदान करने से मृतक की मोक्ष प्राप्ति के द्वार खुल जाते हैं.

गया

Patriarchal importance Hardwar Gaya : बिहार के फल्गु तट पर पिंडदान का काफी महत्व है. कहा जाता है कि भगवान राम और देवी सीता ने राजा दशरथ की आत्मा की शांति के लिए यही पिंडदान किया था. इसके साथ ही गया को भगवान विष्णु का अवतार माना गया है इसलिए इसे मोक्ष की भूमि भी कहते हैं. पितृपक्ष के इस महीने में यहां लोगों की खासी भीड़ देखने को मिलती है. Patriarchal importance Hardwar Gaya :

हरिद्वार

कहा जाता है कि हरिद्वार के नारायण शिला पदार्पण करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. हिंदू धर्म के शास्त्रों और पुराणों में भी इस बात का उल्लेख मिलता है. पितृपक्ष के समय यहां भी दुनियाभर से लोग पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पूजा पाठ करवाते हैं.

वाराणसी

वाराणसी दुनिया के प्राचीन नगरों में से एक है. इस शहर को काफी शुद्ध माना जाता है. यहां आकर भी लोग अपने पूर्वजों का पिंडदान करते हैं. बनारस में कई घाट हैं जहां अस्थि विसर्जन और श्राद्धक्रम कराए जाते हैं. Patriarchal importance Hardwar Gaya :

बद्रीनाथ

Patriarchal importance Hardwar Gaya : चारों धामों में से बद्रीनाथ को श्राद्ध के लिए सबसे ज्यादा सही माना जाता है. यहां ब्रह्मा कपाल घाट का बड़ी संख्या में श्रद्धालु पिंड दान करते हैं. यहां से निकलने वाली अलकनंदा नदी पर पिंडदान किया जाता है. इसे भी पढ़ें- Chhattisgarh : रायगढ़ में कांग्रेस नेता और उनकी पत्नी की हत्या, इलाके में फैली सनसनी

इलाहाबाद

इलाहाबाद भी भारत के प्राचीन शहरों में से एक है. गंगा जमुना और सरस्वती के संगम पर पिंडदान को सर्वोत्तम माना जाता है. यहां पर पितृपक्ष पर बहुत बड़ा मेला लगता है जहां दूर-दूर से लोग श्राद्ध कराने पहुंचते हैं.

मथुरा

भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था. यहीं कारण है कि इस जगह को शास्त्रों में काफी शुद्ध माना गया है. मथुरा में वायु तीर्थ पर पिंडदान की व्यवस्था की गई है जहां लोग तर्पण कर अपने पूर्वजों को खुश करने का प्रयास करते हैं.

जगन्नाथ पुरी

Patriarchal importance Hardwar Gaya : ओडिसा की राजधानी में स्थित जगन्नाथ पुरी में भी पिंडदान को काफी सफल माना जाता है. यह चार धामों में से भी एक है. मंदिर के एक हिस्से में पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा-पाठ कराए जाते हैं. इसे भी पढ़ें-  SC एक्सपर्ट की कमेटी का गठन कर कराएगा पेगासस जासूसी मामले की जांच, जानें कब होगा ऐलान…
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