जम्मू। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) पर जाने वाले तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर यहां से रवाना किया। इस साल यह पवित्र अमरनाथ गुफा की यात्रा 52 दिन तक चलेगी। भजन-कीर्तन के बीच 4,603 तीर्थयात्रियों का जत्था दो सुरक्षा काफिलों में यहां भगवती नगर यात्री निवास से रवाना हुआ। पुलिस महानिदेशक आर.आर. स्वैन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस मौके पर मौजूद थे। कुल 1,933 तीर्थयात्री उत्तरी कश्मीर बालटाल मार्ग से जा रहे हैं जबकि 2,670 तीर्थयात्री दक्षिण कश्मीर नुनवान (पहलगाम) आधार शिविर होकर जा रहे हैं।
तीर्थयात्रियों में 3,631 पुरुष, 711 महिलाएं, नौ बच्चे, 237 साधु और 15 साध्वियां हैं। पहला सुरक्षा काफिला (First Security Convoy) सुबह 5.45 बजे बालटाल आधार शिविर के लिए रवाना हुआ, जबकि दूसरा काफिला सुबह 6.20 बजे नुनवान (पहलगाम) आधार शिविर के लिए रवाना हुआ। तीर्थयात्री या तो 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग से या फिर 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग (Baltal Route) से पवित्र गुफा तक पहुंचते हैं।
पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग (Baltal Route) का उपयोग करने वाले लोग उसी दिन पूजा करने के बाद वापस लौट आते हैं। इस वर्ष 52 दिवसीय तीर्थयात्रा (Pilgrimage) 19 अगस्त को सावन की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन पर समाप्त होगी। यात्रा को सुचारू और निर्बाध बनाने के लिए तीर्थयात्रा मार्गों, दोनों आधार शिविरों और मंदिर में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। दोनों मार्गों पर तीर्थयात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं।
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