जम्मू। अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) पर आने वाले भक्तों में उत्साह बरकरार है। पिछले 24 दिनों में चार लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी (Baba Barfani) के दर्शन किए हैं। मंगलवार को 2,484 श्रद्धालुओं का एक और जत्था जम्मू से कश्मीर के लिए रवाना हुआ। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अधिकारियों ने बताया कि हिंदू पवित्र माह श्रावण के पहले दिन सोमवार को 12 हजार से ज्यादा यात्रियों ने यात्रा की। अधिकारियों ने बताया आज 2,484 यात्रियों का एक और जत्था जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से दो सुरक्षा काफिलों में घाटी के लिए रवाना हुआ। पहला सुरक्षा काफिला सुबह 3.25 बजे 34 वाहनों में 770 यात्रियों को लेकर उत्तरी कश्मीर के बालटाल बेस कैंप (Baltal Base Camp) के लिए रवाना हुआ।
दूसरा सुरक्षा काफिला सुबह 4 बजे 57 वाहनों में 1,714 यात्रियों को लेकर दक्षिण कश्मीर के नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप के लिए रवाना हुआ। दरअसल, गुफा मंदिर में एक बर्फ की संरचना है, जो चंद्रमा की कलाओं के साथ घटती-बढ़ती रहती है। भक्तों का मानना है कि यह बर्फ की संरचना भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक है। यह गुफा कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। भक्त या तो पारंपरिक दक्षिण कश्मीर पहलगाम मार्ग (Pahalgam Route) से या फिर उत्तर कश्मीर बालटाल मार्ग से गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं।
श्रद्धालु या तो 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम गुफा मंदिर मार्ग से यात्रा करते हैं या फिर 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग (Baltal Route) से यात्रा करते हैं। पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार से पांच दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग का उपयोग करने वाले लोग गुफा मंदिर के अंदर ‘दर्शन’ करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौट आते हैं। इस वर्ष की यात्रा 52 दिनों के बाद 29 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन त्योहार के साथ संपन्न होगी।
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