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Diwali 2021: दिपावली के दिन का विशेष महत्व, जानें पूजा विधि, सामग्री और शुभ मुहुर्त

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Diwali 2021: दिपावली के दिन का विशेष महत्व, जानें पूजा विधि, सामग्री और शुभ मुहुर्त
दिल्ली |  दीपावली हिंदुओ का मनभावक, खास त्यौहार है। प्रकाश और रोशनी का उत्सव। अमावस्या, अंधकारमें दीया जला कर विश्वास जतलाना कि जीवन में सुख-दुःख, आशा-निराशा के बावजूद प्रकाश का हमेशा विश्वास रखना कितनी ही विकट स्थिति हो उसमें शुभ-लाभ का आशावाद रखना। दीपावली का प्रकाश पर्व मनुष्य को अन्धकार से प्रकाश की और ले जाने, उसके विश्वास का त्योहार है। दीपावाली के लिए लक्ष्मीजी की पूजा का विशेष महत्त्व है। उस दिन लक्ष्मी पूजा की परंपरा है। माँ लक्ष्मी के साथ-साथ गणेश पूजन, कुबेर पूजा और बही-खाता पूजन भी किया जाता है। उपासक अपनी मन-मान्यता, सामर्थ्य के अनुसार व्रत  भी रख सकता है। निर्जल रहकर या फलाहार व्रत भी कर सकते है। (Diwali Puja Method) also read: धनतेरस 2021 : धनतेरस पर बन रहा खरीददारी का महासंयोग, जानें धनतेरस मनाने का कारण और पूजा विधि

लक्ष्मी पूजा सामग्री

माँ को वस्त्र में लाल, पीले रंग का रेशमी वस्त्र प्रिय है। पूजा में दीपक, कलश, कमल पुष्प, जावित्री, मोदक, श्रीफल, सीताफल, बेर, अनार के फल, गुलाब, चन्दन इत्र, चावल, केसर की मिठाई, शिरा आदि का प्रयोग जरूर करना चाहिए। दीप जलाने के लिए गाय घी, मूंगफली या तिल के तेल के प्रयोग से लक्ष्मी माँ के लिए दीया जलाएं।

पूजाः सार संक्षेप (Diwali Puja Method)

सबसे पहले माँ लक्ष्मी व गणेशजी की प्रतिमाओं को चौकी पर रखें। ध्यान रहें कि उनका मुख पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर हो। लक्ष्मीजी की प्रतिमा गणेशजी के दाहिनी तरफ रहें। लक्ष्मीजी की प्रतिमा, तस्वीर के पास कलश को चावलों पर रखें। नारियल को लाल वस्त्र में लपेट कर उसे कलश पर रखें। यह कलश वरुण देवता का प्रतीक होगा। एक दीपक को घी और दूसरें को तेल से भरे। एक दीपक को चौकी के दाईं ओर और दूसरें को लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमाओं के चरणों में रखें। लक्ष्मी-गणेश के प्रतिमाओं से सुसज्जित चौकी के समक्ष एक और चौकी रखकर उस पर लाल कपड़ा बिछाएं। उस पर चावल से नवग्रह बनाएं। साथ ही रोली से स्वास्तिक एवं ॐ का चिह्न भी बनाएं। पूजा करने के लिए उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठे। केवल प्रदोष काल में ही माता लक्ष्मी की पूजा करें। माता की स्तुति और पूजा के बाद दीप दान जरूर करें। लक्ष्मी पूजन के समय लक्ष्मी मंत्र का उच्चारण करते रहें – ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम: लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में, समय संध्याकाल के बाद शुरू होना चाहिए। हालाँकि इसमें भी स्थिर लग्न में माँ लक्ष्मी की पूजा करना सर्वोत्तम है। मान्यता है कि स्थिर लग्न में पूजन कार्य करने से माँ लक्ष्मी घर में वास करती है। वृषभ लग्न को स्थिर लग्न माना जाता है। ( Diwali Puja Method)

दीपावली 2021- शुभ मुहूर्त

दिन- 04 नवंंबर 2021, गुरुवार लक्ष्मी पूजा  मुहूर्त- 18 बजकर 10 मिनट से 20 बजकर 06 मिनट तक प्रदोष काल- 17:34 से 20:10 तक वृषभ काल- 18:10 से 20:06 तक अमावस्या तिथि आरंभ- सुबह 06 बजकर 03 मिनट (04 नवंबर 2021) से अमावस्या तिथि समाप्त- रात्रि 02 बजकर 44 मिनट (05 नवंबर 2021) तक

दीपावली मूर्हरत

मान्यता है दिवाली की रात मां लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं। और घर-घर जाकर देखती हैं कि किसका घर साफ और विधि-विधान से पूजा लिए हुए है। वे वहीं पर अपनी कृपा बरसाती हैं। दीपावली पर लोग सुख-समृ्द्धि और भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए लक्ष्मीजी की विशेष पूजा करते हैं। उसल दिन को स्वयं सिद्ध मुहूर्त कहा जाता है। इस दिन किए गए उपाय, दान व पूजा आदि से शुभ फल मिलते है। उस दिन से जुड़ी ये खास बातें है-

चौघड़ियां मुहूर्त

सुबह 06.35 से 07.59 तक- शुभ दोपहर 12.10 से 01.34 तक- लाभ शाम 04.22 से 05.46 तक- चर शाम 05.46 से 07.22 तक- अमृत

विशेष शुभ मुहूर्त

सुबह 11.48 से 12.33 तक- अभिजीत मुहूर्त शाम 05.34 से रात 08.10 तक- प्रदोष काल मुहूर्त अर्धरात्रि 12.11 से 01.47 तक- निशिथ काल

स्थिर लग्न मुहूर्त

सुबह 07.36 से 09.55 तक- वृश्चिक लग्न दोपहर 01.42 से 03.09 तक- कुंभ लग्न शाम 06.10 से रात 08.10 तक- वृषभ लग्न अर्धरात्रि 12.42 से 02.59 तक- सिंह लग्न

इस दिवाली, शुभ संयोग ( Diwali Puja Method)

ज्योतिष के अनुसार इस साल दीपावली पर एक शुभ संयोग हैं। तुला राशि में चार ग्रह एक साथ उपस्थित होंगे। इस दिन सूर्य, बुध, मंगल और चंद्रमा ये चारों ग्रह तुला राशि में होंगे। ग्रहों की यह स्थिति शुभफल वाली बताई जा रही है। तुला राशि के स्वमी शुक्र हैं। लक्ष्मी जी की पूजा से शुक्र ग्रह और अधिक शुभ फल देते हैं। शुक्र ग्रह धन-वैभव, भौतिक सुख सुविधाओं का कारक ग्रह है। ऐसे में ग्रहों के राजा सुर्य, बुध ग्रहों के राजकुमार, मंगल ग्रहों के सेनापति और चंद्रमा मन के कारक हैं। ( Diwali Puja Method)
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