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Uttarakhand : कोरोना काल के बाद खोला गया धरती का पहला शिव मंदिर, कारोबारियों के चेहरे पर आई राहत की सांस

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Uttarakhand : कोरोना काल के बाद खोला गया धरती का पहला शिव मंदिर, कारोबारियों के चेहरे पर आई राहत की सांस
अल्मोड़ा |  पिछले वर्ष 2020 से देशभर के सभी मंदिर बंद है। गत लर्ष से लॉकडाउन का दौर ज़ारी है। कुछ समय के लिए मंदिर और सभी पयर्टन स्थल खोले भी गए थे लेकिन कोरोना फिर अपना भयावह रूप लेकर आया और सभी दर्शनीय स्थल बंद करने पड़े। लेकिन अब कोरोना की दूसरी लहर कम हो रही है। और उत्तराखंड में सभी मंदिर धीरे-धीरे खुल रहे है। हाल ही में महादेव का प्रसिद्ध मंदिर जागेश्वर धाम ( Uttarakhand Almoda Jageshwar Dham ) भक्तों और पुजारियों के लिए खोल दिया गया है। जागेश्वर धाम विश्व प्रसिद्ध है और यहां हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। कुछ समय पहले जब लॉकडाउन में रियायत मिली तो यात्रा आदि से जुड़े प्रतिबंधों और गाइडलाइनों के चलते श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम ही दिखाई दी। कोरोना के बुरे माहौल के बाद अब सभी जगह खुशियां लौटने लगी है। इस मंदिर में कुछ पाबंदिया अभी भी लगी है। कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए भक्तों को मंदिर में जाने की अनुमति मिलेगी। मंदिर के खुलते ही भक्तों और पुजारियों द्वारा कोरोना की भयावह महामारी से निजात दिलाने की प्रार्थना की गई। jageshwar dham

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जागेश्वर धाम शिव के प्रथम ज्योतिर्लिंग के रूप में है विख्यात

जागेश्वर मंदिर की मान्यता के चलते सावन के महीने में भगवान शंकर को जल चढ़ाने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। यहां स्थित शिवलिंग भगवान शिव के प्रथम ज्योतिर्लिंग के रूप में विख्यात है। कहते हैं दक्ष प्रजापति के यज्ञ का विध्वंस करने के बाद सती के आत्मदाह से दुःखी भगवान शिव ने यज्ञ की भस्म लपेट कर दायक वन के घने जंगलों में दीर्घकाल तक तप किया। इन्हीं जंगलों में वशिष्ठ आदि सप्त ऋषि अपनी पत्नियों सहित कुटिया बनाकर तप करते थे। यही से लिंग के रूप में भगवान शिव की पुजा शुरु हुई थी। पहले चरण में दर्शन के लिए मंदिर को खोलने के बाद बताया जा रहा है कि अगर जल्द ही कोविड संक्रमण को लेकर स्थितियां काबू में रहीं तो मंदिर में पूजा अर्चना भी विधिवत शुरू की जाएगी। uttarakhand jageshwar dham

इन नियमों का पालन करने के बाद मिलेगा प्रवेश

जागेश्वर मंदिर समिति के प्रबंधक भगवान भट्ट ने बताया कि मंगलवार से श्रद्धालुओं के लिए मंदिर खोल दिया गया है। हालांकि मंदिर को चरणबद्ध ढंग से खोला जाएगा इसलिए पहले चरण में सिर्फ दर्शन की ही अनुमति होगी। जो श्रद्धालु मंदिर में आकर दर्शन नहीं कर पाएंगे। उनके लिए मंदिर में ऑनलाइन पुजा की व्यवस्था की जा रही है। जो श्रद्धालु मंदिर में बाबा के दर्शनों के लिए जाएंगे उनके लिए भी विशेष गाइडलाइन है । कोरोना नियमों का पालन करते हुए भक्तों को दर्शनों की अनुमति मिलेगी। यानी अब आपको इस मंदिर में पहुंचने पर कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा। पहले चरण में व्यवस्था के तहत मंदिर के गेट पर आपको पहचान पत्र दिखाने के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा। मंदिर में सुबह 7 से लेकर शाम 6 बजे तक भगवान शिव के दर्शनों की अनुमति होगी। मंदिर में पुजारियों से श्रद्धालु कोई संपर्क नहीं कर सकेंगे। टीका लगाने या जल चढ़ाने आदि की भी मनाही है। uttarakhand jageshwar dham

कोरोना काल ने छीनी रोजी-रोटी

Uttarakhand Almoda Jageshwar Dham पुजारी हरी मोहन भट्ट ने बताया कि वर्ष 2020 से लॉकडाउन लगा हुआ है। मंदिर बंद होने से रोजगार पर संकट आ गया था। यह जगह धार्मिक स्थल होने के साथ पर्यटन स्थल भी है इस कारण यहां लोगों की भीड़ लगी रहती है कोरोना के कारण मंदिर बंद होने से पुजारियों और मंदिर के पास छोटे-मोटे काम करने वालों पर भी रोजगार का संकट आ गया। सभी लोग मंदिर के खुलने का इंतजार कर रहे थे जिससे पर्यटन क्षेत्र गुलज़ार हो। आसपास रहने वाले लोगों पर भी ररोजी-रोटी का संकट आ गया था। पहाड़ी इलाका होने के कारण और भोलेनाथ का मंदिर होने के कारण जागेश्वर क्षेत्र का व्यवसाय पर्यटन से ही जुड़ा रहता है। यहां पर साल भर पर्यटकों का जमावड़ा रहता है जिस कारण पुजारियों और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है।
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