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ईद 2021 : जानिए कब है ईद..अमीरी या गरीबी का नहीं खुशिया बांटने का त्यौंहार है ईद

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ईद 2021 :  जानिए कब है ईद..अमीरी या गरीबी का नहीं खुशिया बांटने का त्यौंहार है ईद
ईद मुसलमानों का सबसे बड़ा त्यौहार है। यह रमजान के पवित्र महीने के खत्म होने पर मनाया जाता है। ईद को ईद-उल फित्र भी कहते है। मुसलमान लोग रमजान में पूरे महीने में रोजा रखते है और अंत में ईद के दिन खुशिया मनाते है सलामती की दुआ मांगते है मिठाइयां बांटते है। मुस्लिम समुदाय के लोग ईद के त्योहार का जश्न पूरे 3 दिनों तक मनाते हैं। ईद के दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं और अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं। ईद के दिन की शुरुआत ईद की नमाज के साथ होती है। इसके बाद सब एक दूसरे को गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देते हैं। एक दूसरे के घर जाते हैं और दोस्तों और रिश्तेदारों में मिठाइयां और तोहफे बांटते हैं। सभी बड़े इस दिन अपने छोटों को तोहफे के रूप में ईदी देते हैं। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद-उल-फितर मनाई जाती है। ईद के दिन सुबह की नमाज पढ़ इसकी शुरूआत हो जाती है। इसे भी पढ़ें Corona Epidemic बीच मुस्लिम धर्मगुरुओं की लोगों से अपील, घरों में रहकर मनाए ईद

मुस्लिम धर्मगुरूओं की अपील

पिछली बार की तरह इस साल भी ईद के त्यौंहार पर कोरोना की काली नज़र है। इस साल भी लोग मस्ज़िद में जाकर ईद की नमाज अदा नहीं कर पाएगे। क्योंकि कोरोना के अनियंत्रित हालातों की वजह से सभी धार्मिक स्थल बंद है। इस कारण किसी को मस्ज़िद में जाकर नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं होगी। शाही इमामों ने भी इस बार लोगों से ईद की नमाज घरों में ही अदा करने की अपील की है।  इसके अलावा लॉकडाउन के चलते लोग एक दूसरे के घर भी नहीं जा पाएंगे, यानी इस साल भी लोगों को घर में रह कर परिवार के साथ सादगी से ईद का त्योहार मनाना होगा। जामा मस्जिद के शाही ईमाम सईद अहमद बुखारी ने मुस्लिम समाज से अपील करते हुए कहा कि, आगामी दिनों में मनाई जानी वाली ईद पर लोग अपने घरों में ही नमाज पढ़ें। ये जानलेवा बीमारी बहुत तेजी से फैल चुकी है। यह ऐसा कयामत का मंजर जिसे हमने आपने अपनी जिंदगी में कभी नहीं देखा। कई परिवारों ने अपने लोगों को खो दिया। यह बड़ा ही कठिन समय चल रहा है। कई लोगों ने अपने परिवार वालों को कंधा भी नहीं दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना महामारी की तीसरी लहर अभी आनी शेष है। जिसमें और तबाही का मंज़र देखने को मिलेगा। इसलिए इस समय एतिहात बरतना बहुत जरूरी है। शाही ईमाम सईद अहमद बुखारी ने सभी लोगों ने गुजारिश कि आप सभी लोग सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस का पालन जरूर करें। मस्जिदों के अंदर चंद लोग ही नमाज पढ़ रहें है इसलिए आप बीते साल की तरह इस साल भी नियमों का पालन करें। हम सभी संभल कर रहेगे तो हालात जल्दी ही सही हो जाएगे।

13 या 14 के ईद

रमजान के पाक महीने में रोज़े रखने के बाद ईद का त्योहार मनाया जाता है। हालांकि, ईद 29 या फिर 30 रोज़े रखने के बाद मनाई जाएगी, ये पूरी तरह से चांद पर निर्भर होता है।  अगर 12 मई को 29वें रोज़े के दिन चांद दिखाई दिया तो ईद का त्योहार 13 मई 2021 को मनाया जाएगा। वहीं अगर 13 मई को 30वें रोज़े के दिन चांद दिखा तो ईद को त्योहार 14 मई 2021 को मनाया जाएगा।

ईद के दिन घरों में बनते हैं शाही पकवान

ईद-उल-फित्र को मीठी ईद भी कहा जाता है।  इस दिन सभी मुसलमान लोगों के घरों में शाही पकवान बनते हैं। अलग-अलग देशों में अलग-अलग पकवान बनाने का चलन है। भारत में ईद पर सभी मुस्लिम घरों में सेवइयां बनाई जाती हैं। सेवइयां ईद की सबसे अहम और स्पेशल डिश होती है और इसके बिना यह त्योहार अधूरा होता है। इसके अलावा भी अलग-अलग घरों में अलग-अलग पकवान बनाए जाते हैं। सेवई को घरों में ईदी के रूप में पहुंचाया जाता है और खुशिया मनाई जाती है। सभी लोग एक-दूसरे को ईद की मुबारकबात देते है।

ईद से पहले जकात और फितरा देने का महत्व

ईद की नमाज से पहले सभी मुसलमानों पर फर्ज है कि वे अपनी हैसियत के हिसाब से जरूरतमंदों को दान दें। रमजान के महीने में ये दान दो रूप में दिया जाता है, फितरा और जकात। रमजान के महीने में ईद से पहले फितरा और जकात देना हर हैसियतमंद मुसलमान पर फर्ज (जरूरी) होता है। दरअसल, इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक, अल्लाह ने ईद का त्योहार गरीब और अमीर सभी के लिए बनाया है। गरीबी की वजह से लोगों की खुशी में कमी ना आए इसलिए अल्लाह ने हर संपन्न मुसलमान पर जकात और फितरा देना फर्ज कर दिया है।  हालांकि, लोग अपनी हैसियत के हिसाब से कम या ज्यादा दान गरीबों में दे सकते हैं।  ताकि, ईद का त्योहार सभी लोग खुशी से मना सकें।
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