गंगा नदी सारे पापों को धोने वाली है। ऐसी मान्यता है कि अगर कोई मनुष्य गंगा नदी में सच्चे मन से डुबकी लगा लें तो उसके जीवन के सारे पाप धुल जाते है। मनुष्य के मरने के उपरांत अर्थी विसर्जन गंगा नदी में किया जाता है। क्योंकि ऐसा करने से उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है।इस नदी में लगाई गई एक डुबकी पुण्यों को बढ़ाती है लेकिन कोरोना काल में घर से बाहर निकलना उचित नहीं है। लिहाजा वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाने वाली गंगा सप्तमी या गंगा जयंती को इस साल घर पर ही विधि-विधान से पूजा करके मनाएं। यह वो दिन है जब मां गंगा स्वर्ग लोक से भगवान शिव की जटाओं में पहुंची थीं, इसीलिए इसे गंगा सप्तमी के साथ-साथ गंगा जयंती भी कहते हैं। इस साल यह पावन पर्व 18 मई को मनाया जाएगा। हर वर्ष इसे बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। भक्त गंगा नदी में डूबकी लगाते है और अपने पापों का नाश करते है। गंगा मां भक्तों की हर मनोंकामना पूर्ण करती है। लेकिन इस वर्ष कोरोना के आतंक की वजह से यह त्यौहार भी घर पर ही मानाया जाएगा। सरकार की गाइडलाइन के तहत इस वर्ष सभी धार्मिक स्थल बंद है। कुंभ के बाद से हरिद्वार में गंगा घाट पर कोरोना बहुत ज्यादा फैल गया था इस कारण सरकार ने किसी के भी आने पर पाबंदी लगा रखी है। लगभग सभी राज्यों की सरकारों ने लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लगा रखी है। तो कहीं भी जाने की पाबंदियां लगा रखी है।
इसे भी पढ़ें चारधामयात्रा 2021 : खुल गये है पंचकेदार के कपाट, कोरोना के कारण इस बार भी व्यापार ठप
गंगा सप्तमी2021 : कल है गंगा सप्तमी, कोरोना काल में यह पर्व भी घर पर ही मनाएं
और पढ़ें
-
छह सौ वकीलों ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखी
नई दिल्ली। देश की शीर्ष न्यायपालिका में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। देश के कुछ जाने माने वकीलों के...
-
चिट्ठी के बहाने कांग्रेस पर मोदी का हमला
नई दिल्ली। देश के कुछ जाने माने वकीलों के साथ छह सौ वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई...
-
भर्तृहरि महताब भाजपा में शामिल
भुवनेश्वर। लोकसभा चुनाव से पहले ओडिशा में बीजू जनता दल को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और...
-
अभिनेता गोविंदा शिंदे गुट की शिव सेना में शामिल
मुंबई। हिंदी फिल्मों के जाने माने अभिनेता और कांग्रेस के सांसद रहे गोविंदा एक बार फिर राजनीति में उतर गए...