नई दिल्ली | Maa Katyayani Worship : शारदीय नवरात्रि के छठवें दिन मां दुर्गा के छठें स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा करने का विधान है। श्रद्धा से माता की पूजा करने से साधक को परम पद की प्राप्ति होती है। माता कात्यायनी की पूजा करने से साधक को अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना करने से विवाह में आ रही परेशानियां दूर हो जाती हैं और कुंडली में बृहस्पति मजबूत होता है।
मां कात्यायनी का स्वरूप चमकीला और तेजमय है। इनकी चार भुजाएं हैं। दाईं तरफ का ऊपर वाला हाथ अभयमुद्रा में रहता है। नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में है। मां कात्यायनी के एक हाथ में तलवार और दूसरे में कमल सुशोभित है।
मां कात्यायनी की पूजा विधि - Maa Katyayani Worship - प्रातः काल में स्नान आदि से निवृत्त होकर मां का गंगाजल से आचमन करें। मां को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें। - माता कात्यायनी का ध्यान करते हुए उनके समक्ष धूप दीप प्रज्ज्वलित करें। - रोली से मां को तिलक लगाए फिर अक्षत अर्पित कर पूजन करें। - मां कात्यायानी को गुड़हल या लाल रंग का फूल चढ़ाना चाहिए। - मां कात्यायनी को पूजन में शहद का भोग लगाए। - अब माता कात्यायनी की आरती करें और पूजा में भूल-चूक के लिए माफी मांगे। माता जरूर आपकी भक्ति और पूजा से प्रसन्न होंगी और मन वांछित फल देंगी। ये भी पढ़ें:- टी 20 विश्व कप करेगा मालामाल, विजेता को मिलेगा इतने लाख डॉलर का इनाम मां कात्यायनी के पूजन का शुभ मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त - 04ः37 बजे से 05ः25 बजे तक। अभिजित मुहूर्त - 11ः47 बजे से 12ः34 बजे तक। विजय मुहूर्त - 02ः09 बजे से 02ः57 बजे तक। गोधूलि मुहूर्त - 05ः55 बजे से 06ः19 बजे तक। अमृत काल - 06ः48 बजे से 08ः20 बजे तक। यह भी पढ़ें:- आज देश करेगा टेक्नोलॉजी के नए युग में प्रवेश, PM Modi के हाथों होगी 5G क्रांति की शुरूआत माता कात्यायनी का आराधना मंत्र या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमरू।।#WATCH नवरात्रि के छठे दिन दिल्ली के छतरपुर मंदिर में सुबह की आरती की गई। pic.twitter.com/jxVWvPH8Lx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 1, 2022