देवों के देव महादेव के आज भी ऐसे कई रहस्य है जिनको वैज्ञानिक सुलझाने में असफल रहे है। शिव के चमत्कार के वैज्ञानिक भी नतमस्तक हुए है। फिर वह अमरनाथ की गुफा में बनने वाला बर्फ का शिवलिंग हो या फिर केदारनाथ मंदिर में साल भर जलने वाली अखण्ड ज्योत हो। ऐसा ही मध्यप्रदेश में एक शिव मंदिर है जिसका शिवलिंग दिनोंदिन बड़ा हो रहा है। मध्यप्रदेश के खजुराहो में स्थित मतंगेश्वर मंदिर का शिवलिंग ऐसा शिवलिंग है जो लगातार बड़ा होता जा रहा है। ( Matangeshwar Temple in Madhya Pradesh )
also read: sawan 2021 : जानिए अनंत शिव के डमरू, नाग और चंद्रमा के पीछे की अनंत कहानियां..
बताता है पृथ्वी के अंत का समय
जैसे केदारनाथ मंदिर को जागृत महादेव कहा जाता है। वैसे ही इस मंदिर के शिवलिंग को जीवित शिवलिंग कहा जाता है। यह शिवलिंग लगातार बड़ा हो रहा है इस कारण इसे जीवित शिवलिंग कहा जाता है। इस शिवलिंग की ऊंचाई 9 फीट से ज्यादा हो चुकी है। ( Matangeshwar Temple in Madhya Pradesh ) यह शिवलिंग प्रत्येक साल करीब 1 इंच बड़ा हो जाता है। इसकी एक खास बात यह भी है कि यह शिवलिंग जितना धरती के ऊपर नजर आता है, यह उतना ही धरती के अंदर भी समाया हुआ है। स्थानीय लोगों की मान्यता है कि जिस दिन धरती के अंदर का शिवलिंग पाताल लोक तक पहुंच जाएगा, उस दिन पृथ्वी का अंत हो जाएगा।
मतंगेश्वर शिवलिंग के नाम के पीछे की कहानी ( Matangeshwar Temple in Madhya Pradesh )
गुजरते समय के साथ शिवलिंग के बड़े होने के पीछे की वजह एक पौराणिक कथा में बताई गई है। इसके अनुसार शिव जी ने पांडवों में सबसे बड़े भाई युधिष्ठिर को एक चमत्कारी मणि दी थी, जिसे युधिष्ठिर ने मतंग ऋषि को दे दिया था। बाद में यह मणि राजा हर्षवर्मन को मिल गई और उन्होंने इसे जमीन में गाड़ दिया। ( Matangeshwar Temple in Madhya Pradesh ) कहते हैं कि उस मणि से ही यह जीवित शिवलिंग बना है। मतंग ऋषि के नाम पर ही इसे मतंगेश्वर शिवलिंग कहते हैं।