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Narsingh Jayanti 2021: 25 मई को मनाई जाएगी नरसिंह जयंती, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, पूजा से मिलती है पापों से मुक्ति

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Narsingh Jayanti 2021: 25 मई को मनाई जाएगी नरसिंह जयंती, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, पूजा से मिलती है पापों से मुक्ति
नई दिल्ली। Narsingh Jayanti 2021 : भगवान नरसिंह जी की जयंती (Narasimha Jayanti 2021) मंगलवार 25 मई को मनाई जाएगी. हालांकि कोरोना काल होने की वजह से सभी धार्मिक कार्य सीमित ही होंगे. पिछली बार भी कोरोना संकट की वजह से नरसिंह जयंती (Narsingh Jayanti) पर भगवान नरसिंह जी की शोभायात्रा नहीं निकाली गई थी. सिर्फ मंदिरों में ही पूजा-पाठ और धार्मिक कार्य संपन्न हुए थे. भगवान विष्णु जी के अवतार, नरसिंह भगवान नरसिंह जयंती वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है. हिंदू धर्म में इस दिन का बड़ा महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान नरसिंह श्री विष्णु भगवान के चौथे अवतार माने जाते हैं. भारत में भगवान नरसिंह को वैष्णव संप्रदाय के लोग संकट के समय रक्षा करने वाले देवता के रूप में पूजते हैं. भगवान नरसिंह के नाम 1. नरसिंह 2. नरहरि 3. उग्र विर माहा विष्णु 4. हिरण्यकश्यप अरी नरसिंह मंत्र (Narsingh Mantra) ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्। नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्युमृत्युं नमाम्यहम् ॥ ये भी पढ़ें:- यहां पहाड़ पर साक्षात लेटे हुए हैं हनुमान जी, बूढ़े ब्राह्मण की सच्ची भक्ति का फल है यह मंदिर नरसिंह जयंती शुभ मुहूर्त और पूजा का समय (Narsingh Jayanti Shubh Muhurat - Puja Time) - नरसिंह जयंती 25 मई 2021 - दिन- मंगलवार - दोपहर 4 बजकर 26 मिनट से शाम 7 बजकर 11 मिनट तक - पूजा की अवधि 2 घंटे 45 मिनट ऐसे करें पूजा (Narsingh Jayanti Puja Vidhi) सुबह जल्दी उठकर सभी कामों से निवृत्त हो जाएं. दोपहर के समय तिल, गोमूत्र, मिट्टी और आंवले को शरीर पर मलकर शुद्ध जल से स्नान करें. पूजा के स्थान को साफ कर भगवान नरसिंह की फोटो लगाएं. भगवान नरसिंह की फोटो के सामने दीपक जलाएं. उन्हें प्रसाद और लाल फूल अर्पित करें. इसके बाद अपनी मनोकामना का ध्यान करके भगवान नरसिंह के मंत्रों का जाप करें. भगवान नरसिंह के मंत्रों का जाप मध्य रात्रि में भी करना सबसे शुभ माना जाता है. व्रत के दिन फलाहार कर सकते हैं. अगले दिन किसी गरीब व्यक्ति को अन्न-वस्त्र का दान करके अपने व्रत का समापन करें. ये भी पढ़ें:-  Unique Temple: दुनिया का एक मात्र मंदिर जहां शिवलिंग की नहीं, भोले नाथ के अंगूठे की होती है पूजा पूजा से मिलती है पापों से मुक्ति, भय का होता नाश धार्मिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने दैत्यों के राजा हिरण्यकश्यप से अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए आधे नर और आधे सिंह के रूप में नरसिंह अवतार लिया था. जिनका सिर एवं धड तो नर का था लेकिन चेहरा एवं पंजे सिंह की तरह थे. तभी से इस दिन को नरसिंह जयंती के रूप में मनाया जाता है. भगवान नरसिंह शक्ति तथा पराक्रम के देवता हैं. भगवान नरसिंह, श्रीहरि विष्णु के उग्र और शक्तिशाली अवतार कहे जाते हैं. इनकी पूजा-अर्चना करने से हर प्रकार के संकट से रक्षा होती है. इस दिन व्यक्ति व्रत रखकर श्रद्धा और भक्ति से भगवान नरसिंह की पूजा-अर्चना करता है तो उसे सभी जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धी की प्राप्ति होती है. उसके जीवन से सभी भय और समस्याएं दूर हो जाती है.
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