Somvati Amavasya 2024: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन में कड़ाके की ठंड के बावजूद सोमवार को शिप्रा नदी (Shipra River) के तट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। वजह थी साल की अंतिम सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2024)… शिप्रा नदी पर स्नान कर अपने पूर्वजों के मोक्ष के लिए पिंड और तर्पण करने के लिए लोग आए। इस खास अवसर और इसके महत्व को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए। आपको बता दें कि धार्मिक नगरी उज्जैन में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है।
सोमतीर्थ कुंड में स्नान करने का महत्व
सोमवती अमावस्या के दिन शिप्रा नदी के साथ पुल के दूसरी ओर सोमतीर्थ पर कुंड में स्नान करने की परंपरा है। यही कारण है कि सोमवार को साल की अंतिम सोमवती अमावस्या होने से ग्रामीण क्षेत्रों से आए भक्तों की भीड़ तड़के से ही शिप्रा नदी पर पहुंचने लगी। श्रद्धालु कड़कड़ाती ठंड के बावजूद शिप्रा में डुबकी लगाकर पूर्वजों को मोक्ष के लिए पिंड दान और तर्पण कर दान-पुण्य करते हुए नजर आए। इस दौरान, महाकाल मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी दिखाई दी।
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सोमेश्वर महादेव के दर्शन
सोमवती अमावस्या पर सोमतीर्थ स्थित सोमकुंड में स्नान करने और इसके बाद श्री सोमेश्वर-जलपेश्वर महादेव के दर्शन व पूजन का खास विधान है। हिन्दू धर्म में मान्यता है कि इससे मनुष्य की जन्म पत्रिका में मौजूद चंद्रमा के दोष समाप्त हो जाते हैं और अश्वमेध यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है। सोमवती अमावस्या के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान और पूजन के बाद बाहर बैठे भिक्षुकों को दान-पुण्य किया।
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