Shardiya Navratri 2024: वर्ष में 2 बार माता रानी के नवरात्र आते है, चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र. आश्विन माह में मनाई जाने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है. हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नवरात्रि प्रारंभ होती है. इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्तूबर 2024 से शुरू हो रही है. शारदीय नवरात्रि का समापन 11 अक्तूबर 2024 को नवमी के दिन होगा. नवमी के अगले दिन विजयादशमी या दशहरा मनाया जाता है. शारदीय नवरात्रि के नौ दिन तक मां दुर्गा की आराधना और पूजा की जाती है. इन दिनों में मां दुर्गा की पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और धन-धान्य की वृद्धि होती है.
मान्यता है कि नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का विधान है. इससे माता रानी प्रसन्न होकर मनवांछित फल देती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार कलश को ब्रह्मा, विष्णु, महेश और मातृगण का निवास बताया गया है. इसकी स्थापना करने से जातक को शुभ परिणामों की प्राप्ति होती हैं. इस बार नवरात्रि के पहले दिन ऐन्द्र योग के साथ-साथ हस्त नक्षत्र का संयोग रहेगा. ऐसे में कलश स्थापना करना और भी शुभ माना जा रहा है.
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शारदीय नवरात्रि तिथि और कलश स्थापना
इस साल आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 3 अक्तूबर को सुबह 12.19 मिनट से होग. तिथि का समापन 4 अक्तूबर को सुबह 2.58 मिनट पर समाप्त हो रही है. (Shardiya Navratri 2024)
पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के लिए दो शुभ मुहूर्त है. पहला शुभ मुहूर्त सुबह 6.19 मिनट से लेकर 7.23 मिनट तक रहने वाला है. इसके बाद नवरात्रि के घटस्थापना के लिए दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर के समय का है. यह मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 12:33 तक रहेगा. आप इस दौरान भी कलश स्थापना कर सकते हैं.
नवरात्रि में ऐसे करें कलश स्थापना
1. कलश स्थापना करने से पहले आप एक मिट्टी के पात्र को लें
2. फिर एक साफ थाली में थोड़ी सी मिट्टी को डाल दें।
3. अब उसमें जौ के बीज को मिलाएं।
4. इसके बाद इसे मिट्टी के पात्र में डाल दें, और पानी से छिड़काव करें।
5. अब आप एक तांबे के लोटे पर रोली से स्वास्तिक बनाकर उसके ऊपरी भाग में मौली बांध लें
6. अब लोटे में साफ जल के साथ उसमें थोड़ा गंगाजल भी मिला लें
7. फिर उसके ऊपर दूब, अक्षत, सुपारी और कुछ पैसे रख दें
8. इसके बाद आप आम या अशोक की पत्तियां कलश के ऊपर रख दें
9. एक पानी वाले नारियल को लाल चुनरी से लपेटकर मौली बांध दें
10. फिर इस नारियल को कलश के बीच में रख दें, और बाद में इसे पात्र के मध्य में स्थापित कर दें
11. इस दौरान माता रानी के मंत्रों का जाप करते रहें, इससे देवी प्रसन्न होती हैं