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अब बिना इंटरनेट के इस तकनीक के द्वारा फोन पर देख सकेंगे अपना पसंदीदा प्रोग्राम....

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अब बिना इंटरनेट के इस तकनीक के द्वारा फोन पर देख सकेंगे अपना पसंदीदा प्रोग्राम....
आजकल बिना इंटरनेट के कुछ भी संभव नहीं है। हमें कोई जानकारी प्राप्त करनी हो या अपने मनोरंजन के लिए कुछ और..बिना नेट के हम कुछ भी नहीं कर सकते है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। बहुत जल्द हम सभी अब फोन पर बिना किसी इंटरनेट के टीवी चैनल देखे जा सकेंगे। आईआईटी कानपुर और प्रसार भारती मिलकर नेक्स्ट जनरेशन ब्रॉडकास्टिंग टेक्नोलॉजी पर काम करने जा रहे हैं। ( TV and news without watching internet ) जिसके पूरा होने पर 4G और 5G स्प्रेक्ट्रम की जरूरत नही पड़ेगी। मतलब इस टेक्नोलॉजी के काम को पूरा होने के बाद आपको इंटरनेट की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप सीधे ब्रॉडकास्ट स्प्रेक्ट्रम के जरिए मोबाइल पर टीवी चैनल देखे जा सकेंगे। TV and news without watching internet also read: कपिल शर्मा ने नया टीजर ज़ारी कर बताया ऑनएयर होने का समय, साथ ही लाइव ऑडियंस के लिए रखी ये शर्त

न्यूज चैनल या कुछ अन्य देखने के लिए आ रही यह तकनीक ( TV and news without watching internet )

इस संबंध में IIT कानपुर ने प्रसार भारती के साथ एक समझौता भी साइन कर लिया है। जल्द ही आईआईटी में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी। ( TV and news without watching internet ) निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि लोग अब हर समय मोबाइल पर रहते है।  फिल्म, सीरियल, न्यूज चैनल या कुछ और भी देखने के लिए रोजाना काफी डाटा खर्च होता है। ऐसे में दर्शकों का डाटा खर्च न हो और उनको टीवी चैनल भी दिखते रहे, इसके लिए तकनीक विकसित की जा रही है। प्रसार भारती आर्थिक सहयोग करेगा।

स्पेक्ट्रम और ब्रॉडकास्ट टेक्नोलॉजी में क्या अंतर?

IIT कानपुर के डायरेक्टर अभय करंदीकर ने बताया कि स्पेक्ट्रम अलग-अलग प्रकार की फ्रीक्वेंसी का सेट है जिन पर डेटा कम्यूनिकेशन करता है। स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल इस बात पर निर्भर करता है कि फ्रीक्वेंसी कितनी है। उसकी वेवलेंथ कितनी है और कितनी दूर तक ऊर्जा ले जा सकती है। मोबाइल जैसी डिवाइस स्पेक्ट्रम के अनुसार ही कार्य करते हैं। जैसे-जैसे फ्रीक्वेंसी बढ़ती जाती है डेटा का ट्रांसफर उतनी ही तेजी से होता है। ( TV and news without watching internet ) जबकि ब्रॉडकास्ट में डाटा को पहले एक सिग्नल तक भेज जाता है, फिर वहां से पूरे क्षेत्र में एक साथ ट्रांसफर किया जाता है। TV and news without watching internet

ब्रॉडकास्टिंग और मोबाईल की फ्रीक्वेंसी में अंतर ( TV and news without watching internet )

डायरेक्टर अभय करंदीकर ने आगे बताया कि ब्रॉडकास्ट में एक ही डाटा कई जगह एक ही फ्रीक्वेंसी के साथ चलता है। जबकि मोबाइल में जो फ्रीक्वेंसी कार्य करती है वे अलग-अलग होती हैं। जब कभी हम कुछ तकनीकी गड़बड़ी आती है तो हम देखते हैं कि मोबाइल कहीं कनेक्ट करने के बजाए कहीं और कनेक्ट हो जाता है। ये फ्रीक्वेंसी के बिगड़ने पर ही होता है। ( TV and news without watching internet ) जबकि ब्रॉडकास्ट में एक ही चीज अनेक स्त्रोतों पर प्रसारित होती है। इसलिए ये ज्यादा बढ़िया है।
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