
नई दिल्ली | भारत के लगभग 54 फीसदी छात्र अब ऑनलाइन लर्निंग मॉडल (online learning model) के लिए सहज हैं। यह खुलासा ब्रेनली के सर्वेक्षण (Branley’s survey) से हुआ है, जो एक ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म (Online learning platform) है। लॉकडाउन एंड लर्न-फ्रॉम-होम मॉडल नाम का सर्वेक्षण देश भर के 2,371 छात्रों पर किया गया था, ताकि यह समझा जा सके कि पिछले वर्ष ने भारत (India) के छात्रों के शिक्षा (Education) और सीखने के पैटर्न को कैसे बदला है।
हाल ही में कोविड-19 के मामलों में हुए जबरदस्त उछाल के साथ, अधिकांश छात्र वर्तमान में स्कूल जाने के बारे में आशंकित थे। अभी के हालात को देखते हुए लगभग 56 प्रतिशत छात्रों ने ऑनलाइन सीखने को जारी रखा। सर्वेक्षण में शामिल आधे से अधिक छात्रों ने दूसरों पर मिश्रित शिक्षण मॉडल को प्राथमिकता दी।
इसके अलावा छात्रों ने ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफार्मों के साथ अधिक सशक्त महसूस किया। लगभग दो-तिहाई छात्रों ने कहा कि वे अब पहले से अधिक ‘लचीले’ और ‘आत्मनिर्भर’ थे।
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उनमें से भी छात्रों ने अधिक ‘आत्मविश्वास’ महसूस किया। छात्रों के एक बड़े समूह ने यह भी दावा किया कि ऐसे प्लेटफार्मों ने उन्हें अपनी गति से सीखने में मदद की, ऐसा कुछ जो अन्यथा संभव नहीं है।
ब्रेनली (Branley) में सीपीओ राजेश बिसानी ने कहा, शिक्षाविदों के इतिहास में कभी भी वैश्विक स्तर पर ऑनलाइन लनिर्ंग चैनलों का इतने बड़े पैमाने पर उपयोग नहीं किया गया था। अब, अधिक छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों ने शिक्षा के लिए ऑनलाइन टूल का इस्तेमाल करना सीख लिया है और हमारा मानना है कि मिश्रित शिक्षण ²ष्टिकोण तरीका होगा।
ब्रेनली (Branley) के पास 3,50,00,000 लाख से अधिक छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों का एक समुदाय है, जो मिलकर शिक्षण को चलाते हैं। इसके भारत में कुल 55,00,000 लाख से अधिक उपयोगकर्ता हैं और अमेरिका, रूस, इंडोनेशिया, ब्राजील, पोलैंड समेत दूसरे देशों से भी हैं।
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