बेबाक विचार

टूट रही है बिरादरी

ByNI Editorial,
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टूट रही है बिरादरी
पिछले हफ्ते पाकिस्तान में हुए एक आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादी गुटों पर कार्रवाई की थी। उसके बाद तालिबान ने आरोप लगाया कि इस दौरान पाकिस्तान के सैनिक अफगान क्षेत्र में चले गए। तालिबान ने चेतावनी दी है कि ऐसी कार्रवाइयों को वह बर्दाश्त नहीं करेगा। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच टकराव अब खुल कर सामने आ गया है। यह न सिर्फ पाकिस्तान के लिए एक सैनिक चुनौती है, बल्कि उसके लिए एक बड़ी रणनीतिक समस्या भी है। जिस तालिबान को उसका समर्थक समझा जाता था, वही अब खुल कर उसे चुनौती दे रहा है। दोनों देशों में टकराव के पहले लक्षण कई महीने पहले उभरे थे। लेकिन अब उनके बीच दुश्मनों जैसी भाषा बोली जा रही है। पिछले हफ्ते पाकिस्तान में हुए एक आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादी गुटों पर कार्रवाई की थी। उसके बाद तालिबान ने आरोप लगाया कि इस दौरान पाकिस्तान के सैनिक सीमा पार कर अफगानिस्तान के क्षेत्र में चले गए। तालिबान ने चेतावनी दी थी कि ऐसी कार्रवाइयों को वह बर्दाश्त नहीं करेगा। इसके जवाब में पाकिस्तान ने उसी लहजे में बयान जारी किया है। उसने तालिबान से कहा है कि वह पाक-अफगान सीमा से जुड़े इलाकों को सुरक्षित बनाए और आतंकवादी गुटों पर कार्रवाई करे। बीते 14 अप्रैल को पाकिस्तान के उत्तर वजीरीस्तान जिले में सुरक्षा बलों पर हमला हुआ था। उसमें पाकिस्तान के सात सैनिक मारे गए। इसी घटना के बाद दोनों देशों के रिश्ते में टकराव बढ़ा है। पाकिस्तान के एक बयान में कहा गया- ‘अफगानिस्तान की संप्रभु सरकार को दोनों बिरादरना देशों में शांति और प्रगति के लिए ऐसे कदम उठाने चाहिए।’ इसमें सीमा पार से पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा की गई। यह दो टूक कहा गया कि आतंकवादी पाकिस्तान के अंदर हमले करने के लिए निर्भय हो कर अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल कर रहे हैँ। पाकिस्तान के सामने ये चुनौती उस समय खड़ी हुई है, जब देश में नई सरकार बनी है। उधर अविश्वास प्रस्ताव के जरिए प्रधानमंत्री पद से हटाए गए इमरान खान के समर्थक लगातार सेना पर निशाना साध रहे हैँ। इस आलोचना से पाकिस्तान की सेना परेशान है। बीते रविवार को सेना की तरफ से सेनाध्यक्ष जनरल कमर बाजवा का एक बयान जारी किया गया। इसमें जनरल बाजवा ने कहा कि सेना को लेकर लगाई जा रही अटकलों और फैलाई जा रही अफवाहों का तुरंत मुकाबला करने की जरूरत है। जनरल बाजवा ने चेतावनी दी है कि सेना के खिलाफ दुष्प्रचार से देश की साख के लिए खतरा पैदा हो रहा है। इसी समय पड़ोसी देश में भी खुलेआम पाकिस्तान को ललकार रहा है।
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