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चैनलों का नया कंगना धमाल

हमारे देश में खबरिया चैनलो पर जो कुछ भी चल रहा है उसे देखकर मुझे लगता है मानो ये तमाम चैनल झुग्गी-झोपड़ी कालोनी बन गए हैं और उनके एंकर वहां के उन आवारा बच्चों की तरह व्यवहार कर रहे हैं जो अपनी सरकार का मनोरंजन करने के लिए कुत्ते के पिल्ले के गले में रस्सी बांधकर उसे सारा दिन चारों और घुमाते रहते हैं। उनके लिए रिया चक्रवर्ती व कंगना रनौत प्रकरण कुत्ते के मासूम पिल्ले की तरह हैं।

इन सबकों चैनलो पर इतनी ज्यादा अहमितय दी जा रही है कि कुछ न पूछे। पहले रिया चक्रवर्ती की पल-पल की खबर दी जा रही थी मगर अब उसके हिरासत में जाने के बाद कंगना रनौत मानो हॉट केचबन गई है। उसको इतना ज्यादा महत्व दिया जा रहा है कि न केवल मुंबई में वहां के नगर निमग द्वारा उसके घर का कथित अवैध निर्माण तोड़े जाने का लाइव प्रसारण किया गया बल्कि हिमाचल प्रदेश से लेकर विमान द्वारा उसके मुंबई जाने तक चैनलो के रिपोर्टर उसके साथ थे। चैनलो पर तमाम दलों के लोगों के वक्ताओं को बैठाकर कंगना रनौत के मुद्दे पर कुश्ती की जबानी उठा-पटक चलाई जा रही है।

कंगना रनौत मूल रूप से हिमाचल के मंडी इलाके की रहने वाली बताई जाती है। उनकी मां आशा एक अध्यापिका थी। पिता अमरदीप राणावत व्यापारी है। उनके एक भाई-बहन है। इस 33 वर्षीय जानी-मानी फिल्म अभिनेत्री को मां-बाप डाक्टर बनाना चाहते थे। उसके बाबा आईएएस अधिकारी रह चुके थे। मगर एक बार प्रवेश परीक्षा में फेल होने के बाद उसने डाक्टर बनने का सपना छोड़ दिया व महज 16 साल की उम्र में हिमाचल से दिल्ली आकर एक माडलिंग एजेंसी के लिए काम करने लगी।

उसके पिता व तमाम रिश्तेदार उसके इस फैसले के काफी खिलाफ थे। मगर उसने किसी की एक बात नहीं सुनी थी व अपनी मनमानी पर अड़ी रही। कुछ समय बाद वह मुंबई चली गई व उसने वहां फिल्मों में तकदीर आजमाने की कोशिश की। वहां के माहौल व अपनी कमजोर अंग्रेजी के कारण वह कंगना राणावत से कंगना रनौत में बदल गई। उसे 28 मार्च 2016 को तनु वेड्स मनु रिटर्न्स में शानदार अभियन के लिए राष्ट्रीय पुरुस्कार दिया गया। उन्हें पद्मश्री व राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पुरुस्कार भी दिए गए। उन्हें देश की सबसे ज्यादा फैशन परस्त हस्ती के रूप में जाना जाता है। उन्होंने सिले-सिलाए कपड़ो की कंपनी  शुरू की। आजकल वे अपनी बयानबाजी के कारण खबरों में है। यह उनकी पुरानी आदत है व इसके कारण वे अपनी जिदंगी व व्यवसाय में समय-समय पर तरह-तरह के विवाद खड़ी करती रही हैं।

उन्हें बेहद मुंहफट माना जाता है। अनेक अभिनेताओं के साथ उनका चक्कर चलने व फिर उनसे झगड़ा हो जाने की खबरे छपती रही है। इसमें आदित्य पंचोली से लेकर अनुराग तक शामिल हैं। उनकी फिल्मों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पैसा व राष्ट्रीय स्तर पर विवाद कमाया। उन्होंने कुछ साल पहले अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि धाराप्रवाह अंग्रेजी न बोल पाने के कारण बॉलीवुड में उन्हें नीची नजर से देखा जाता है। वे मुझे अछूत की तरह बरताव करते थे। इसके बावजूद मैं वहां आगे बढ़ी व आज जो कुछ भी मैं हूं अपनी वजह से ही हूं।

उन्होंने 2007 में आदित्य पंचोली पर शराब पीकर उन्हें छेड़ने का आरोप लगाते हुए पुलिस में मामला दर्ज करवाया था। दोनों ने एक दूसरे पर अपने करोड़ो रुपए अदा न करने के आरोप लगाए थे। बाद में मामला शांत हो गया। उनका कहना है कि वे सम्मान के साथ एक आम आदमी की तरह जिदंगी जीना चाहती हैं। वे शाकाहारी हैं। उन्हें 2014 में आई अपनी फिल्म क्वीन के शानदार अभिनय के कारण बालीवुड की क्वीन भी कहा जाता है। उनकी बहन रंगोली मुंबई में उनके साथ ही रहती है। शुरू में उन्हें वहां के मुंबइया डायलॉग बोलने में काफी कठिनाई होती थी। उन्हें वॉगइंडिया नामक जानी-मानी पत्रिका ने भारत की सबसे बेहतर पोशाकें पहनने वाली महिला के रूप में छापा था। उन्हें बालीवुड की सुपर गर्ल के रूप में भी जाना जाता है।

मेरा मानना है कि कंगना रनौत बहुत होशियार अभिनेत्रियो में से एक है और वे खबरो व प्रचार पाने के लिए राखी सावंत से भी एक कदम आगे हैं। हाल ही में जब रिया चक्रवर्ती प्रकरण खबरो व खबरिया चैनलो पर छाया हुआ था तब उन्होंने मुंबई व शिव सेना पर कुछ बयान देकर न केवल विवाद खड़े किए बल्कि उसके बाद राजनीतिक कारण से उन्हें वाई+ श्रेणी की सुरक्षा भी उपलब्ध करा दी गई। करोड़ो रुपए कमाने वाली इस महिला की सुरक्षा खर्च टैक्स के जरिए आम गरीब आदमी को चुकाना पड़ेगा।

कंगना रनौत ने अपने टिवटर पर मुंबई की तुलना पाक अधिकृत कश्मीर से की। उनका कहना था कि मुंबई में ड्रग माफिया हावी है।शिव सेना नेता संजय राउत ने उनके खिलाफ बयानबाजी करते हुए उन्हें मुंबई में कदम रखने की हिम्मत करने की चुनौती व उन्होंने शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखा कि मुंबई का अपमान करने वाले लोग दिल्ली व महाराष्ट्र की विधानसभाओं में बैठे हैं। वे मुंबई को बदनाम कर रहे हैं। उनका इशारा भाजपा की और था।

कंगना की बयानबाजी के कारण महराष्ट्र के मुंबई शहर में नगर पालिका पर काबिज शिव सेना नेउनके  घर पर बुलडोजर चलवा दिए।  जवाब में कंगना को हाईकोर्ट की शरण में जाना पड़ा। अब मामला अदालत में पहुंचने के बाद फिलहाल तोड़-फोड़ रूक गई है। हालात इतने बिगड़े कि शरद पवार को उद्दव ठाकरे व संजय राउत के साथ बातचीत करके इस मामले को यही समाप्त करने के लिए कहना पड़ा। मगर यह मामला अब राजनीतिक रूप ले चुका है। कंगना रौनत के समर्थन में करणी सेना व शिवसेना मुंबई की सड़को पर आमने-सामने आ गए हैं। फिलहाल तो शिवसेना अपनी ताकत व कंगना अपना राजनीति में भविष्य सुनिश्चित करने में लगी हुई है। देखना यह है इस संघर्ष में कौन सफल होता है।

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