बेबाक विचार

पर मोदीजी मेहनत तो कर रहे!

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पर मोदीजी मेहनत तो कर रहे!
Modi is working hard : निःसंदेह मेहनत हर दिन फोटो शूट और हेडलाइन मे दिखलाई देती है। कभी वे उत्तर प्रदेश को ठीक करते लगते हैं, कभी मंत्रियों-मंत्रालयों की समीक्षा करते दिखलाई देते हैं। कभी योग करवाते, वैक्सीन लगवाते दिखते हैं तो कभी कश्मीर की बैठक बुलाने और कश्मीर की समस्या सुलटाते दिखते हैं। उस नाते भारत ही वह चमत्कारी देश है, जिसका प्रधानमंत्री हर रोज एक समस्या, एक एजेंडा लेता है और जादू-मंतर करके उसे निपटा देता है। उन कश्मीरी नेताओं के साथ प्रधानमंत्री का क्या गजब फोटोशूट हुआ, जिन्हें देशद्रोही करार दे कर जेल में डाला हुआ था! प्रधानमंत्रियों की पहले भी कश्मीरी नेताओं के साथ बैठकें हुईं हैं। लेकिन गुरूवार को प्रधानमंत्री मोदी ने सबके साथ खड़े हो कर जैसा ग्रुप फोटो खिंचवाया वैसा अपन ने कभी खींचा नहीं देखा। हो सकता है इसके पीछे अमेरिका के राष्ट्रपति, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को फोटो दिखाना हो। उन्हें अहसास कराना हो कि जम्मू-कश्मीर की समस्या सुलझा दी है। आगे चुनाव होंगे और सब ठीक हो जाएगा।

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Narendra modi kashmir leader meeting ठीक होने की यह मैसेजिंग भारत के लोगों के लिए भी है। सब ठीक है, सब ठीक हो रहा है इसकी मैसेजिंग के लिए लगातार होती मेहनत का ही कमाल है, जिससे हमें महामारी भी गंभीर समस्या नहीं समझ आई। न ही चीन का भारत की जमीन कब्जा लेना समझ आया और न बेरोजगारी और महंगाई जैसी समस्याएं मालूम हो रही हैं। समस्या नहीं है, इसकी रियलिटी बनाना ही नरेंद्र मोदी और उनके प्रधानमंत्री दफ्तर का वह कमाल है, जिसकी बराबरी दुनिया का कोई प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या देश फिलहाल नहीं कर सकता।

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दो दिन पहले बीबीसी टीवी पर नाइजीरिया की वित्त मंत्री का इंटरव्यू देखा और उसे सुन कर कुछ ही दिन पहले भारत के टीवी पर भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का इंटरव्यू ध्यान में आया। नाइजीरिया की महिला वित्त मंत्री से सख्त सवाल पूछे गए और उसने ईमानदारी से माना कि आप सही कह रही हैं हम फलां-फलां कारण आर्थिकी गिरावट को रोक नहीं पाए। महंगाई बढ़ रही है, 19 महीने महंगाई तेज रही, दो महीने से संकेत ठीक हैं। अकेले कच्चे तेल पर निर्भर होने का दुष्परिणाम है मैंने व राष्ट्रपति ने यह-यह किया लेकिन संकट है... ठीक विपरीत भारत की वित्त मंत्री से पहले तो भारत की सवालकर्ता मुलायम और वित्त मंत्री ने छूटते ही सात साल पुरानी कांग्रेस सरकार द्वारा नाजुक छोड़ी आर्थिकी पर ठीकरा फोड़ते हुए तमाम झूठ बोले।

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Narendra modi

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सोचें एक अफ्रीकी देश की वित्त मंत्री वैश्विक मीडिया के सख्त सवालों का सामना करते हुए और सत्य बोलते हुए तो दूसरी तरफ भारत में हर समस्या, हर चुनौती को झूठ के अहंकार में पिरो कर जनता में झांसा बनवाना! तभी नोट रखें समस्याओं का अंबार भारी बन रहा है और आने वाले साल भयावह, इतिहासजन्य बरबादी के होंगे। modi is working hard
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