बेबाक विचार

अब चीन का इम्तहान

ByNI Editorial,
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अब चीन का इम्तहान
china delta variant outbreak चीन ने बीते एक साल में बार-बार दावा किया है कि उसकी शासन व्यवस्था के केंद्र में आम जन के हित हैं, इसलिए उसने फुर्ती से कदम उठा कर अपनी आबादी को बड़ी महामारी की तबाही से बचा लिया। जबकि पूंजीवादी दुनिया ऐसा करने में विफल रही। लेकिन अब चीन का ये दावा कसौटी पर है। कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत चीन में हुई। लेकिन तब चीन ने जल्द ही उस पर काबू पा लिया। कुछ महीनों के अंदर वह अपने देश में आम जीवन शुरू करने में सफल रहा। उस कारण बीते साल चीन अकेला बड़ा देश रहा, जिसकी अर्थव्यवस्था ने काबिल-ए-गौर वृद्धि दर हासिल की। चीन ने अपनी इस कामयाबी और अमेरिका की नाकमी को व्यवस्थाओं के संघर्ष में अपने मॉडल की श्रेष्ठता के रूप में पेश किया। उसने बार-बार दावा किया कि उसकी शासन व्यवस्था के केंद्र में आम जन के हित हैं, इसलिए उसने फुर्ती से कदम उठा कर अपनी आबादी को बड़ी तबाही से बचा लिया। जबकि पूंजीवादी दुनिया ऐसा करने में विफल रही। लेकिन अब चीन का ये दावा कसौटी पर है। कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट का कहर चीन पर टूट चुका है। खुद चीनी मीडिया में इसको लेकर शक जताया गया है कि पिछले साल जिन सख्त निवारक उपायों को अपनाया गया था, वे इस बार कामयाब होंगे। Read also भोले हिंदू नेता, शेख को बनाया शेर! चीन सरकार स्वीकार कर चुकी है कि पिछले साल वुहान शहर में महामारी की शुरुआत होने के बाद की सबसे गंभीर चुनौती अब खड़ी हुई है। ऐसा इसके बावजूद हुआ है कि चीन में आबादी के ज्यादातर हिस्से को कोरोना वैक्सीन लगाया जा चुका है। उसके बावजूद जुलाई में चीन में घरेलू स्रोत से संक्रमित हुए 320 मामले सामने आए। नए संक्रमण के मामले देश के 18 राज्यों में सामने आ चुके हैँ। कई इलाकों को उच्च खतरे वाला या मध्यम खतरे वाला घोषित किया गया है। अधिकारी इस बारे में अनभिज्ञता जता रहे हैं कि क्या संक्रमण छोटे शहरों तक फैल चुका है। तो स्थिति यह है कि अगर जल्द हालात पर काबू नहीं पाया गया, तो देश को महामारी का खतरनाक नजारा देखना पड़ सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक महामारी अभी अपने शुरुआती दौर में है। सरकार को भरोसा है कि वह अपने प्रयास पूर्व अनुभव और जन चेतना बढ़ाने के भरोसे मौजूदा महामारी पर काबू पा लेगी। लेकिन सवाल है कि ऐसा कितनी कीमत चुकाने के बाद होता है। अगर ये कीमत ज्यादा रही, तो फिर चीन ने बीते एक साल में जो दावे किए हैं, उन्हें संदिग्ध माना जाएगा। मानव विपदा में कोई नहीं चाहता कि कहीं भी बर्बादी हो। इसलिए दुनिया भी चीन में हालात में जल्द सुधार देखना चाहेगी। लेकिन सिस्टम की श्रेष्ठता के चीनी दावे का जरूर फिलहाल इम्तहान हो रहा है। china delta variant outbreak
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