बेबाक विचार

फिर एक मुंहतोड़ जवाब!

ByNI Editorial,
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फिर एक मुंहतोड़ जवाब!
ऐप बैन जैसी कार्रवाइयों से वह संदेश देना चाहती है कि वह चीन के प्रति सख्त है। मगर चीन ने कोई अतिक्रमण किया ही नहीं, तो कार्रवाई की जरूरत क्या है? बहरहाल, इलेक्ट्रोनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने जिन ऐप पर बैन लगाया है, उनमें चीन की दिग्गज टेक कंपनियों के ऐप भी शामिल हैं। तो भारत ने फिर से चीन के खिलाफ कार्रवाई की है। भारत सरकार ने 54 चीनी ऐप बैन कर दिए हैं। बताया गया है कि सुरक्षा संबंधी चिंताओं को ध्यान में रखकर यह फैसला किया गया है। गौरतलब है कि ऐप बैन की शुरुआत जून 2020 में हुई थी। तब गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय फौजी शहीद हो गए थे। तब से अब तक भारत 200 से ज्यादा चीनी ऐप बैन कर चुका है। इसके अलावा कुछ चीनी कंपनियों के कारोबार पर भी प्रतीकात्मक प्रतिबंध लगाए गए। मगर नतीजा क्या है? पिछले साल चीन के साथ भारत का कारोबार रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया। जाहिर है, उसके साथ ही भारत का व्यापार घाटा भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा। इस बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव बना हुआ है। दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने खड़ी हैँ। सैन्य कमांडरों के बीच दर्जन भर से ज्याद दौर की वार्ता हो चुकी है। मगर विडंबना यह है कि भारत सरकार ने आज तक यह नहीं कहा कि चीन ने भारतीय सीमा का अतिक्रमण किया है। हाल में विदेश मंत्री एस जयशंकर सिर्फ यह कहने की हद तक गए कि चीन ने सीमा पर सैनिकों का जमाव करके लिखित समझौतों को तोड़ा है। लेकिन अपनी जमीन पर सेनाएं तैनात करना तो वैसा मामला नहीं हो सकता कि किसी देश के खिलाफ कार्रवाई की जाए। Read also महंगाई और विकास का दोहरा संकट जाहिर है, मामला कुछ और है। यानी जैसाकि अनेक मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि चीन ने हमारी सीमा में प्रवेश किया है। लेकिन ना जाने क्यों, भारत सरकार इसे देश को नहीं बताना चाहती। इस बीच ऐप बैन जैसी कार्रवाइयों से वह संदेश देना चाहती है कि वह चीन के प्रति सख्त है। मगर चीन ने कोई अतिक्रमण किया ही नहीं, तो कार्रवाई की जरूरत क्या है? बहरहाल, इलेक्ट्रोनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने जिन ऐप पर बैन लगाया है, उनमें चीन की दिग्गज टेक कंपनियों के ऐप भी शामिल हैं। इन कंपनियों में टेंसेंट, अलीबाबा और नेट ईज के नाम शामिल हैं। मगर यह चीन को मुंहतोड़ जवाब नहीं है। सरकार भले अपने समर्थकों को ऐसा संदेश देना चाहे कि वह मजबूती से चीन का मुकाबला कर रही है, लेकिन जिन्हें हकीकत पता है, वे शायद ही इस कार्रवाई में छिपे संदेश को उसी रूप में ले पाएंगे।
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