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सबक सीखें तो ठीक

ByNI Editorial,
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Climate change Cyclone storm

अब यही न्यू नॉर्मल है। हम जलवायु परिवर्तन के जो असर को देख रहे हैं, जो हमारी पीढ़ी का सबसे बड़ा संकट है। लेकिन क्या इस बात से अमेरिकी राजनेता, खास कर रिपब्लिकन पार्टी सबक लेगी। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया बाकी दुनिया के साथ-साथ अमेरिका का भी विनाश की तरफ बढ़ना जारी रहेगा। Climate change Cyclone storm

अमेरिका के कम से कम चार राज्यों में चक्रवाती तूफान से भारी तबाही मची। ये चारों राज्य वो हैं, जिन्हें अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी का गढ़ समझा जाता है। रिपब्लिकन पार्टी इस बात को नहीं मानती कि सचमुच जलवायु परिवर्तन जैसा कुछ हो रहा है। इसलिए जाहिर है, इस तूफान को भी वह एक सामान्य घटना ही मानेगी। जबकि अमेरिका के मौसम विभाग ने बताया है कि ऐसा तूफान इसके पहले कभी नहीं आया। उन राज्यों में जैसी बर्बादी हुई, वैसी पहले कभी नहीं हुई। सवाल है कि आखिर ऐसी अभूतपूर्व मौसमी घटनाएं क्यों हो रही हैं? गौरतलब है कि खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसे अमेरिकी इतिहास की “सबसे बड़ी” तूफानी घटनाओं में से एक बताया। 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि यह संख्या अभी बढ़ सकती है। 80 से ज्यादा लोग अकेले केंटकी में मरे, जिनमें से कई मेफील्ड नगर में मोमबत्ती बनाने की एक फैक्ट्री में काम करते थे। इलिनॉय के ऐडवर्ड्स्विल शहर में अमेजॉन के एक गोदाम में रात की शिफ्ट में काम कर रहे लोगों में से छह की मौत हो गई। टेनिसी में चार लोग मारे गए, अर्कांसस और मिसौरी में दो-दो लोगों की मौत हो गई। मिसिसिपी में भी बवंडरों का असर रहा। तूफान में इतनी ताकत थी कि उसे इतिहास के सबसे बड़े तूफानों में से माना जा रहा है।

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तूफानों की खबर रखने वालों ने बताया कि उसने मलबे को हवा में 30,000 फुट तक उठा दिया था। मेफील्ड के बवंडर ने तो लगभग 100 सालों पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। उसकी रफ्तार 320 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा थी। अधिकारियों ने मेफील्ड को “ग्राउंड जीरो” बताया है। 10,000 लोगों की आबादी वाले इस शहर में हर तरफ सर्वनाश जैसा नजारा था। पूरे के पूरे मोहल्ले ढह गए, ऐतिहासिक मकान और घरों में भी बस सिल्लियां बाकी रह गईं। पेड़ों की भी टहनियां उखड़ गई और मैदानों में गाड़ियां उल्टी पड़ी थीं। फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी डीन क्रिसवेल ने इस पर दो टूक कहा- “अब यही हमारा न्यू नॉर्मल है। हम जलवायु परिवर्तन के जो असर को देख रहे हैं, जो हमारी पीढ़ी का सबसे बड़ा संकट है।” लेकिन क्या इस बात से अमेरिकी राजनेता, खास कर रिपब्लिकन पार्टी सबक लेगी। अगर उन्होंने ऐसा किया, तो पूरी दुनिया का भला होगा। वरना, दुनिया के साथ-साथ अमेरिका का भी विनाश की तरफ बढ़ना जारी रहेगा।

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