धर्म के बाद दूसरे नंबर पर ‘कूटनीति’ का जुमला है। प्रधानमंत्री मोदी के विदेशी नेताओं के साथ फोटो शूट को इस तरह सोशल मीडिया से बेचा जा रहा है और अगले डेढ़ साल लगातार बेचा जाएगा कि दुनिया दंग हो जाएगी! नरेंद्र मोदी के प्रचार तंत्र ने गरीब-गुरबों, टैक्सी ड्राइवरों में भी यह ज्ञान बना दिया है कि मोदीजी ‘कूटनीति’ के विश्वगुरू हैं! मोदी ने दुनिया में भारत का मान बढ़ाया है। कूटनीतिक मोर्चे पर भारत की बात गंभीरता से सुनी जाती है। दुनिया अब नरेंद्र मोदी के हिसाब से चलती है। अमित शाह ने कहा कि दुनिया का कोई भी बड़ा फैसला अब प्रधानमंत्री मोदी से पूछे बगैर नहीं होता है। किसी भी अंतरराष्ट्रीय समारोह के दौरान प्रधानमंत्री की खींची गई तस्वीरें ऐसे पेश की जाती हैं, जैसे वे दुनिया को रास्ता दिखा रहे हों। सो, विश्व में भारत का मान बढ़ाने का नैरेटिव स्थापित हो चुका है।
अगले साल भारत में जी-20 देशों का सम्मेलन होगा। यह संयोग है कि भारत को ऐसे समय में जी-20 की अध्यक्षता मिली है, जब देश में चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। रोटेशन के आधार पर बारी बारी से सदस्य देशों को इसकी अध्यक्षता मिलती है। भारत को इंडोनेशिया के बाद अध्यक्षता मिली है। लेकिन इसे ऐसे प्रचारित किया जा रहा है जैसे नरेंद्र मोदी की वजह से भारत को इसकी अध्यक्षता मिली है। भाजपा के सारे नेता यह साबित करने में लगे हैं कि भारत को इतना बड़ा मौका और गौरव का ऐसा क्षण मोदी की वजह से है। जी-20 के अलग अलग समूहों का सम्मेलन देश भर में होगा और पूरे साल चलेगा। जहां भी सम्मेलन होगा वहां बड़े इवेंट क्रिएट किया जाएगा और उसकी भरपूर मीडिया कवरेज होगी। उसके बाद अगले साल सितंबर में सालाना समारोह होगा, जिसमें अमेरिका, चीन, रूस जैसे तमाम बड़े देशों के नेता शामिल होंगे। सोचें, सितंबर 2023 में जब देश में चुनाव का माहौल बन रहा होगा उसी समय जो बाइडेन, शी जिनफिंग और व्लादिमीर पुतिन से लेकर ऋषि सुनक, इमैनुएल मैक्रों और जस्टिन ट्रूडो सहित दुनिया के सारे ताकतवर नेता भारत में होंगे। प्रधानमंत्री मोदी उनके मेजबान होंगे। उसे कैसे चमत्कार की तरह पेश किया जाएगा, इसकी कल्पना की जा सकती है।
सितंबर 2023 में देश में कैसा माहौल होगा, इसका कुछ अंदाजा एक दिसंबर को लगा, जब भारत ने औपचारिक रूप से जी-20 की अध्यक्षता संभाली। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर एक संबोधन लिखा, जिसे लगभग सभी बड़े अखबारों ने छापा। उन्होंने इसे भारत के लिए बड़ा मौका बताया। जी-20 के आयोजन के लिए शेरपा बनाए गए पूर्व आईएएस अधिकारी अमिताभ कांत ने इस मौके पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अब ग्लोबल एजेंडा सेट कर रहे हैं। इस मौके पर पूरे देश में आयोजन हुआ। देश के एक सौ ऐतिहासिक स्मारकों पर लाइटिंग की व्यवस्था की गई। ताजमहल से लेकर श्रीनगर में शंकराचार्य मंदिर तक और बिहार में नालंदा के भग्नावशेषों से लेकर धौलावीरा तक ऐसी प्रकाश व्यवस्था की गई कि हर जगह जी-20 का लोगो जगमगाए। ध्यान रहे लोगो भी ऐसा प्लान किया गया है, जिसमें कमल की पंखुड़ियों पर दुनिया टिकी है। विपक्षी पार्टियों ने जी-20 के लोगो में कमल का फूल शामिल करने पर आपत्ति की थी, लेकिन उससे क्या फर्क पड़ता है। सो, जिस तरह के कमल के फूल पर पूरा ग्लोब टिका है उसी तरह यह दावा बनेगा कि मोदी जी की उंगलियों पर दुनिया टिकी है। सो, नोट रखें सितंबर 2023 के बाद लोकसभा चुनाव ने धर्म के बाद कूटनीति ही सर्वाधिक बिकेगी!