यह कारोबार भले जिस देश से चल रहा हो और नशीली वस्तुएं, जिस बंदरगाह या हवाईअड्डे पर उतर रही हों लेकिन इनका विस्तार पूरे देश में है। इसे दिल्ली में हुई जब्ती से समझा जा सकता है। राजधानी दिल्ली में तीन दिन पहले 11 मई को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर 55 किलो हेरोइन पकड़ी गई। इसी क्रम में डीआरआई ने पंजाब और हरियाणा से सात किलो हेरोइन और 50 लाख रुपए पकड़े, जिसकी वजह से कुल जब्ती 62 किलो की हो गई। इसकी कीमत 434 करोड़ रुपए है। बताया जा रहा है कि जिस कार्गो से हेरोइन भारत आई वह युगांडा के एंटेबे हवाईअड्डे से चला था। दुबई के रास्ते यह भारत पहुंचा था। सोचें, युगांडा जैसे गरीब और कंगाल देश से इतना बड़ी खेप कैसे आई? इससे कोई 10 दिन पहले दिल्ली के भोगल इलाके से एनसीबी ने दो अफगानी नागरिकों को पकड़ा था और एक सौ करोड़ रुपए की नशीली वस्तुएं जब्त की थी। सो, पिछले दो हफ्ते में दिल्ली में साढ़े पांच सौ करोड़ रुपए की नशीली वस्तुएं पकड़ी गई हैं। इससे नशे के कारोबार की व्यापकता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
तभी सवाल है कि क्या नशे का यह कारोबार अब संगठित कारोबार में बदल गया है? पहले अफ्रीका या अफगानी नागरिक अपने शरीर में छिपा कर थोड़े बहुत नशील पदार्थ लाते थे। पकड़े जाने पर उनके पास बहुत मामूली मात्रा में नशीली वस्तुएं मिलती थीं। वह उनका निजी उद्यम होता था। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि ऑर्गेनाइज्ड तरीके से यह कारोबार चल रहा है। क्विंटल के हिसाब से नशीली वस्तुएं हवाईअड्डों और बंदरगाहों पर पहुंच रही हैं। पहले भारत में तीन रास्तों से नशीली वस्तुएं पहुंचती थीं। एक रास्ता पूर्वोत्तर का था। म्यांमार से होकर उत्तर पूर्वी राज्यों के रास्ते नशीली वस्तुएं भारत में आती थीं। यह गोल्डेन ट्रांयगल का पुराना रूट रहा है। दूसरा रास्ता पाकिस्तान से होकर था। इस रास्ते से ड्रग्स पंजाब पहुंचता है और वहां से पूरे देश में भेजा जाता है। पंजाब में युवाओं के नशे का शिकार होने की बड़ी वजह यहीं है। तीसरा रास्ता अफ्रीकी देशों का है, जहां से हवाई मार्ग से नशीली वस्तुएं भारत आती हैं। अब एक चौथा रास्ता ईरान से होकर समुद्र के रास्ते भारत आने का हो गया है। अब हर रास्ते से बड़ी मात्रा में नशीली वस्तुएं भारत आ रही हैं। तभी ऐसा लग रहा है कि यह संगठित कारोबार हो गया है, जिसमें बड़े लोग और बड़ी पूंजी शामिल है। सो, सवाल है कि भारत का पाब्लो एस्कोबार कौन है? कौन यह संगठित गिरोह चला रहा है? क्या देश का कोई एक या कई बड़े धनपति मिल कर देश को तबाही की ओर ले जाने का यह खेल कर रहे हैं?
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