बेबाक विचार

अब मुकदमे का क्या तुक?

ByNI Editorial,
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अब मुकदमे का क्या तुक?

गौरतलब है कि 2012 में विकीलिक्स ने थोरदारसन के खिलाफ घोटाले और वित्तीय धोखाधड़ी के आरोप में आपराधिक मामला दर्ज कराया था। उन आरोपों में उसे आइसलैंड में सजा सुनाई गई। ये तमाम बातें उसकी गवाही पर पहले भी एक सवालिया निशान थीं। अब तो वह खुद मुकर गया है।

extradition case against wikileaks : वेबसाइट विकीलिक्स के संस्थापक जुलियन असांज के खिलाफ चल रहे मुकदमे में जब मुख्य गवाह ही मुकर गया है, तो फिर उन पर मुकदमा जारी रखने का क्या तुक बनता है? गौरतलब है कि जुलियन असांज दो साल से भी अधिक समय से ब्रिटेन में जेल में हैँ। उसके पहले सात साल वे लंदन स्थित इक्वाडोर के दूतावास में बतौर शरणार्थी रहे। मूल रूप से ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार रहे असांज ने विकीलिक्स वेबसाइट बनाई थी। 2011 में उस पर हुए खुलासे ने सारी दुनिया में खलबली मचा दी थी। अमेरिका सरकार की छवि उससे खास तौर पर प्रभावित हुई। अमेरिका ने तब से असांज पर जासूसी कानून के तहत मुकदमा दायर कर रखा है। विकीलिक्स ने अफगानिस्तान और इराक युद्धों के बारे में ऐसे दस्तावेज प्रकाशित किए थे, जिनके आधार पर अमेरिकी फौज पर युद्ध अपराध करने के आरोप लगे थे। जासूसी का मुकदमा इस आधार पर है कि असांज ने अपने एक वोलिंटियर से नाटो के एक सदस्य देश की गोपनीय फाइल की हैकिंग कराई। लेकिन जिस व्यक्ति की गवाही के आधार पर ये सारा केस बुना गया था, वह अब मुकर गया है।

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आइसलैंड का नागरिक सिगुरदुर इन्गी थोरदारसन पहले विकीलीक्स का वॉलिंटियर था। बाद में वह अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई का गवाह बन गया। लेकिन हाल में उसने आइसलैंड के अखबार स्टंडिन को दिए इंटरव्यू में मंजूर किया कि असांज ने उसे कभी हैकिंग करने को नहीं कहा था। थोरदारसन ने विकीलिक्स वोलंटियर्स के साथ अपनी चैटिंग की कॉपी भी अखबार को मुहैया कराई है। अखबार कहना है कि इसे पढ़ने के बाद कोई ऐसा संकेत नहीं मिलता कि विकीलिक्स के भीतर से उसे किसी ने हैकिंग करने को कहा था। extradition case against wikileaks. कुछ समय पहले लंदन की एक अदालत ने असांज के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी याचिका को मानवीय आधार पर स्वीकार नहीं किया था। लेकिन थोरदारसन की गवाही के आधार पर कोर्ट ने कहा था कि असांज और थोरदारसन अपने साझा प्रयास में एक नाटो देश की गुप्त फाइल हैक करने में नाकाम रहे। प्रत्यर्पण के लिए यही अमेरिका की दलील है। यानी अमेरिका का जो केस है, वह बना हुआ है। ये भी गौरतलब है कि 2012 में विकीलिक्स ने थोरदारसन के खिलाफ घोटाले और वित्तीय धोखाधड़ी के आरोप में आपराधिक मामला दर्ज कराया था। उन आरोपों में उसे आइसलैंड में सजा सुनाई गई। ये तमाम बातें उसकी गवाही पर पहले भी एक सवालिया निशान थीं। अब तो वह खुद मुकर गया है।
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