बेबाक विचार

हिंदू आईडिया ऑफ ‘कानून का राज’!

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हिंदू आईडिया ऑफ ‘कानून का राज’!
बधाई। हम हिंदू अब विश्व आईकॉन लिए हुए है। दुनिया हमारी गुरूता से चमत्कृत है। ब्रिटेन के बॉरिस जानसन भी अपने को रोक नहीं पाए। भारत पहुंचते ही उन्होने बुलडोजर पर चढ़ कर हिंदुओं की गुरूता का बुलड़ोजर मॉडल दिमाग में पैंठाया। सोचे कितनी देरी कर दी मूर्खों ने जो पहले ही ‘हिंदू आईडिया ऑफ कानून’ का मंत्र नहीं पकड़ा! मेरी आप सबसे विनती है, प्रार्थना है कि वे खोज कर बताएं कि पहले कभी क्या लोकतांत्रिक याकि कानून के राज वाले किसी भी देश में बुलडोजर के आईडिया में कानून के राज का ढोग दिखा?  मुझे  पिछले पचास वर्षो की किसी देश की कोई भी एक घटना ऐसी ध्यान में नहीं है जिसमें सरकारों ने 'नो-गो ज़ोन' इलाकों में, विधर्मियों, प्रवासी समुदायों को भगाने, आंतकित करने या इतिहास का बदला लेने के लिए बुलडोजरी न्याय का गुरूमंत्र आजमाया हो! Hindu Idea Rule of Law इसलिए विश्व को हिंदुओं की ज्ञान गंगा का सार प्राप्त हो गया है! देश को यदि सुरक्षित बनाना है, मुसलमान और इस्लाम और देशद्रोही व देशविरोधियों से निपटता है तो कानून के राज में बंधा रहना विनाशकारी है। कानून को दरकिनार और किताबों में रखों। जमीन का एजेंडा बनाओं। देशभक्तों में जज्बा पैदा करों। वे त्यौहार-उत्सव के दिन ललकारते, तलवार लहराते 'नो-गो ज़ोन' में जाए और वह करें जिससे विधर्मी-प्रवासी-बाहरी लोग भडके और बस सडक पर उतर आए। फिर तो बुलडोजर व विर्धमी कंपकंपाते बेघर व बरबादी में तौबा करते हुए! Read also अरबपतियों के लिए नहीं बुलडोजर अद्भुत! कानून के राज में जुलूस व शोभायात्राओं का हक है तो नारों का हक और बुलडोजर चलाने के तमाम बहाने भी। लेकिन इस मॉडल से देशभक्त, देशभक्त सरकार कैसे बिना हिंसा, बिना नरसंहार के प्रवासियों- कौम विरोधियों में खौफ बना सकती है उन्हे विस्थापित कर, भगा सकती है, इसका आईडिया दुनिया को भला पहले कहां मालूम था? सोचे, यह आईडिया यदि ईदी अमीन को अस्सी के दशक में मालूम होता तो वह यूंगाडा से हिंदुओं-गुजरातियों को भगाने के लिए नरसंहार की कालिख बनवाने का क्या तरीका अपनाता?  बुलडोजरों से ही भगा देता।  कितना आसान है कानून के हवाले बिना कानून के बुलडोजर से नस्ल, धर्म और इतिहास के मसलों का हिसाब बराबर करना! इस गुरू मंत्र का सबसे बड़ा फायदा सत्ता, सरकार और नेता व जनता को लगातार न केवल ताकत मिलते रहने का है बल्कि उनके उद्देश्य, लक्ष्यों में निरंतरता का भी है! तो दुनिया में कौन-कौन भारत के ‘गुरू मंत्र’ को अपनाएगा? बहुतों को जरूरत है। भक्त हिंदुओं के लगातार ऐसे व्हाट्सअप संदेश आते रहते है कि इतने दशकों के बाद ब्रिटेन मुस्लिम हो जाएगा। फ्रांस, हॉलैंड, बेल्जियम और योरोप के कई देशों में प्रवासी शरणार्थियों, घुसपैठियों, मुसलमानों के ऐसे 'नो-गो ज़ोन' है जहां पुलिस को जाते हुए डर लगता है। फ्रांस में मुसलमान इतने हो गए है कि राष्ट्रपति के ताजा चुनाव में भी हिजाब का मुद्दा छाया हुहै। मतलब लोकतांत्रिक, कानून वाले देशों में इस्लाम और प्रवासियों से देश की मूल बुनावट को खतरा है। पचास-सौ साल में गौरो से अधिक वहां मुसलमान-हिंदू-अफ्रिकी हो जाएगें तो दुनिया वालों जागों हिंदुओं के बुलडोजर दर्शन को अपनाओं! Read also बुलडोजर है काना! सोचे, दक्षिणपंथी, नस्लवादी गौरों और उनके नेता (डोनाल्ड ट्रंप जैसे राष्ट्रपति हुए तो कहने ही क्या!) यदि हिंदू आईडिया ऑफ कानून का राज अपना ले तो कितनी जल्दी ब्रिटेन के साउथ हॉल से पाकिस्तानी, हिंदुस्तानी, गुजराती भागने लगेंगे। जैसे जहांगीरपुर में फुटपाथ पर स्टाल, सामान, छज्जे के अतिक्रमण, घर-दुकान के आगे-पीछे कच्चे निर्माण बनाए होते है तो साल भर के बुलडोजर अभियान में ब्रिटेन के हिंदू-मुस्लिम इलाके हो या अमेरिका की न्यूजर्सी, कनाडा के वेंकुवर से लेकर मलेशिया, केन्या, दक्षिण अफ्रिका, इंडोनेशिया के तमाम हिंदू इलाके खतरनाक 'नो-गो ज़ोन' करार दे कर बुलडोजर की प्रयोगशाला बने हुए होंगे। तानाशाह देशों याकि दुबई, खाडी, इस्लामी देशों की व्यवस्था में ‘बुलडोजर’ के हिंदू शासन मंत्र का इसलिए अधक मतलब नहीं है क्योंकि इन देशों में फरमान और तलवार है। इन देशों में (जैसे यूगांडा का अनुभव है) फरमान से विधर्मी, घुसपैठिये, प्रवासी तुरंत भगाए जा सकते है। तभी हिंदू राजनैतिक दर्शन के ‘बुलडोजर मॉडल’ का महत्व दुनिया के लोकतांत्रिक देशों के लिए गुरूमंत्र है। लोकतंत्र होते हुए, कानून का राज होते हुए कैसे भय पैदा किया जाए, कैसे अतीत के सत्य का आधुनिक औजारों, व्यवस्था और वोट के बहुमत से हिसाब चुकता किया जाएं यह सब इस म़ॉडल से कितना आसान होगा। भविष्य के खतरे की जागरूकता कितनी  आसानी से बन जाती है।  घर-घर में जहर का स्वयंस्फूर्त फैलना, फिर जहर युक्त तीर, तलवारों का सड़कों पर लहराना। अपने आप बुलडोजर की उपयोगिता, अनिवार्यता व नित नए ब्रांड बनते जाएगें। मोदी ब्रांड, बाबा ब्रांड, मामा ब्रांड, झाडू ब्रांड, बांग्ला ब्रांड.....। कौन कहता है भारत विश्व गुरू और ज्ञानी महाशक्ति नहीं है! Hindu Idea Rule of Law
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