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ओलंपिक का श्रेय लेने की होड़

ByNI Editorial,
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ओलंपिक का श्रेय लेने की होड़
India olympic games tokyo टोक्यो ओलंपिक में भारत को चार पदक मिल गए हैं और पांचवां पदक पक्का हो गया है। इस लिहाज से 2012 के लंदन ओलंपिक के प्रदर्शन को दोहराने से भारत सिर्फ एक कदम दूर है। उस साल भारत को कुल छह पदक मिले थे। इस साल भारत इस रिकार्ड को तोड़ भी सकता है। लेकिन ऐसा होने से पहले ही ओलंपिक में भारतीय दल के प्रदर्शन का श्रेय लेने की होड़ मच गई है। हैरानी की बात है कि इसमें सबसे आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद हैं। उन्होंने एक केंद्रीय योजना के गुजरात के लाभार्थियों से बात करते हुए कहा कि इतिहास में सबसे बड़ा ओलंपिक दल इस बार टोक्यो गया है और ऐसा नीतियों में पारदर्शिता लाने की वजह से हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि इस बार भारतीय खिलाड़ी ऐतिहासिक प्रदर्शन कर रहे हैं। हकीकत यह है कि भारत में धीरे धीरे ओलंपिक इवेंट्स में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों की संख्या बढ़ रही है। 2016 को रियो ओलंपिक में भारत के 117 खिलाड़ी गए थे और इस साल 127 गए हैं। Read also राहुल के पुराने लोगों की वापसी होगी ध्यान रहे भारत में दो-चार खेलों को छोड़ कर ज्यादातर खेलों में खिलाड़ी खुद तैयारी करते हैं। संस्थाएं उनकी ज्यादा मदद नहीं करती हैं। तभी टीम इवेंट की बजाय भारत को ज्यादा पदक इंडिविजुअल इवेंट्स में मिलते हैं। 41 साल के बाद पहली बार भारतीय टीम हॉकी का मेडल जीती है यानी 41 साल बाद किसी टीम इवेंट में भारत को पदक मिला है। इस बीच भारत को सारे पदक खिलाड़ियों के निजी प्रदर्शन से मिले हैं। हॉकी का भी यह पदक भारत को मिला है तो उसके पीछे ओड़िशा की नवीन पटनायक सरकार के प्रयास ज्यादा हैं। ओड़िशा सरकार ने 2018 में भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीम को स्पांसर किया और उनको हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराईं। इसमें भी भारत सरकार की ज्यादा भूमिका नहीं है। फिर भी चारों तरफ धन्यवाद के पोस्टर लगाए जा रहे हैं। India olympic games tokyo
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