धोखेबाजी, ज़ोर-जबर्दस्ती, लालच या भय के द्वारा धर्म-परिवर्तन करने को मैं पाप-कर्म मानता हूं लेकिन लव-जिहाद के कानून के बारे में जो शंका मैंने शुरु में ही व्यक्त की थी, वह अब सही निकली। संस्कृत में इसे कहते हैं- प्रथमग्रासे मक्षिकापातः। याने पहले कौर में ही मक्खी पड़ गई। मुरादाबाद के कांठ नामक गांव के एक मुस्लिम लड़के मोहम्मद राशिद से पिंकी नामक एक हिंदू दलित लड़की ने 22 जुलाई को शादी कर ली थी। दोनों देहरादून में काम करते थे। दोनों में ‘लव’ हो गया था। पिंकी मुस्कानजहान बन गई। अब इन दोनों के खिलाफ बजरंग दल के कुछ अतिउत्साही नौजवानों ने ‘जिहाद’ छेड़ दिया।
पिंकी की मां को भड़काया गया। उसने थाने में रपट लिखवा दी कि मेरी बेटी को धोखा देकर शादी की गई है। एक मुसलमान ने हिंदू नाम रख कर उसे प्रेमजाल में फंसाया, मुसलमान होने के लिए मजबूर किया और फिर शादी कर ली। पुलिस ने राशिद और पिंकी दोनों को पकड़ लिया।राशिद और उसके भाई को जेल में डाल दिया गया और पिंकी को सरकारी शेल्टर होम में। यह लव-जिहाद कानून 2020 के तहत किया गया। यह कानून लागू हुआ 28 नवंबर 2020 से और यह शादी हुई थी, 24 जुलाई को। याने यह गिरफ्तारी गैर-कानूनी थी। इसके लिए किस-किस को सजा मिलनी चाहिए और किस-किस को उन पति-पत्नी से माफी मांगनी चाहिए, यह आप स्वयं तय करें।
पिंकी का पति और जेठ अभी भी जेल में हैं। पिंकी ने अपने बयान में साफ-साफ कहा है कि राशिद मुसलमान है, यह उसे शादी के पहले से पता था। उसने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन किया, शादी की और गर्भवती हुई। उस मुस्कानजहान का गर्भ, जो दो-तीन महिने का था, इस पकड़ा-धकड़ी और चिंता में गिर गया। यह मानना जरा कठिन है कि सरकारी अस्पताल के डाक्टरों ने उसे जान-बूझकर गिराया होगा। हमारे डाक्टर ऐसी नीचता नहीं कर सकते लेकिन क्या इसका जवाब ‘‘हमारे लवजिहादियों’’ के पास है ? यदि जोर-जबर्दस्ती, लालच या डर के मारे पिंकी ने मुस्कानजहान बनना मंजूर किया होता तो शेल्टर होम से छूटने के बाद वह अपने हिंदू मायके में क्यों नहीं गई ? कांठ के मुस्लिम सुसराल में वह स्वेच्छा से क्यों चली गई ? इस घटना-चक्र ने लव-जिहाद के कानून के मुंह पर कालिख पोत दी है। उसे शीर्षासन करा दिया है।
Dr. Vaidik is a well-known Scholar, Political Analyst, Orator and a Columnist on national and international affairs.