Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

गृह युद्ध का रास्ता

म्यांमार का सैनिक अपने संरक्षण में प्राइवेट आर्मी या मिलिशिया बनाने की कोशिश में जुट गया है। इसे देश में फैले हथियारबंद विरोध को दबाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। लेकिन यह साफ है कि इससे देश में गृह युद्ध की स्थिति और भीषण रूप लेगी।

म्यांमार में पहले से गृह युद्ध जैसी स्थितियां हैं। अब ऐसा लगता है कि वहां सैनिक शासकों ने इसे भड़काने की राह चुनी है। यह खबर चिंताजनक है कि म्यांमार की सेना ने सैनिक शासन के प्रति ‘वफादार नागरिकों’ को हथियार रखने की इजाजत देने का फैसला किया है। जाहिर है, यह सैन्य शासन के संरक्षण में प्राइवेट आर्मी या मिलिशिया बनाने की कोशिश है। अनुमान है कि इसके तहत सैनिक शासन पूर्व सैन्यकर्मियों और अपने समर्थक समुदायों को हथियारबंद करेगा। उन लोगों की सेवा सैनिक शासन विरोधी विद्रोही गुटों के साथ लड़ाई में ली जाएगी। म्यांमार के गृह मंत्रालय के मीडिया में लीक हुए एक दस्तावेज में कहा गया है कि 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को हथियार और गोलाबारूद लेकर चलने का लाइसेंस दिया जा सकता है। यह लाइसेंस उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए मिलेगा, लेकिन इस सुविधा का उन्हें उस समय तक ही लाभ मिलेगा, जब तक वे सरकार के प्रति वफादार रहेंगे। चूंकि गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस विवरण की पुष्टि कर दी है, इसलिए दस्तावेज के वास्तविक होने को लेकर कोई संदेह नहीं बचा है। प्रवक्ता ने कहा कि बहुत से नागरिक खुद ही हथियार की मांग कर रहे हैं। सेना से संबंध रखने वाले ऐसे बहुत से नागरिकों को बागी गुटों ने निशाना बनाया है। इसलिए उन लोगों को आत्मरक्षा में सक्षम बनाया जाएगा। यह खबर आने से ठीक पहले देश के 37 प्रमुख शहरों में मार्शल लॉ लागू करने की खबर आई थी। गौरतलब है कि म्यांमार में सेना ने एक फरवरी 2021 को निर्वाचित प्रतिनिधियों को जेल में डालते हुए सत्ता पर कब्जा जमा लिया था। तब से सैनिक सरकार को देश में बड़े जन विरोध का सामना करना पड़ा है। पिछले साल देश के कई हिस्सों में हथियारबंद विद्रोह फैल गया। सेना ने उसे दबाने में अपनी पूरी ताकत लगाई है, लेकिन उसे अभी तक इस दिशा में कोई खास कामयाबी नहीं मिली है। तो अब यह दूसरा रास्ता चुना गया है। लेकिन देश में गृह युद्ध और भीषण रूप लेगा, इसमें कोई शक नहीं है।

Exit mobile version