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modi new cabinet 2021 : क्या-क्या करे नया मंत्रिमंडल?

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modi new cabinet 2021 : क्या-क्या करे नया मंत्रिमंडल?
modi new cabinet 2021 : स्वतंत्र भारत में इंदिराजी के ‘कामराज प्लान’ के बाद सबसे बड़ी साहसिक पहल प्र.मं. नरेंद्र मोदी ने की है। नए और युवा मंत्रियों को अपने अनुशासन में रखना और उनसे अपने मन मुताबिक काम करवाना आसान रहेगा लेकिन उनसे कौन से काम करवाना है, यह तो प्रधानमंत्री को ही तय करना होगा। पिछले सात वर्षों में इस सरकार ने कुछ भयंकर भूलें की हैं तो कई अच्छे कदम भी उठाए हैं, जिनका लाभ जनता के विभिन्न वर्गों को बराबर मिल रहा है। what is cooperative

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लेकिन जैसा राष्ट्र गांधी, लोहिया और दीनदयाल उपाध्याय बनाना चाहते थे, वैसा राष्ट्र बनाना तो दूर रहा, उस लक्ष्य के नजदीक पहुंचना भी हमारी कांग्रेस, जनता पार्टी और भाजपा सरकारों के लिए मुश्किल रहा है। इस समय नरेंद्र मोदी चाहें तो उक्त महापुरुषों के सपनों को कुछ हद तक साकार कर सकते हैं। क्योंकि इस वक्त पार्टी, सरकार और देश में उनका एकछत्र राज है। उनकी पार्टी और विपक्ष में उनके विरोधियों के हौंसले पस्त हैं। उनकी लोकप्रियता थोड़ी घटी जरुर है, कोरोना की वजह से लेकिन आज भी उनकी आवाज पर पूरा देश आगे बढ़ने को तैयार है। इस नए मंत्रिमंडल का पहला लक्ष्य तो यह होना चाहिए कि देश में प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा और चिकित्सा मुफ्त मिले। शिक्षा मन और बुद्धि को मजबूत बनाए और चिकित्सा तन को। देश का तन और मन स्वस्थ रहे तो धन तो अपने आप पैदा हो जाएगा। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए निजी अस्पतालों और शिक्षा-संस्थाओं पर पूर्ण प्रतिबंध लगे या उन्हें नियंत्रित किया जाए। देश में शत-प्रति-शत लोगों को शिक्षा और चिकित्सा उपलब्ध हो। शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में भारत, यूनान और चीन की प्राचीन पद्धतियों का लाभ बेखटके उठाया जाए।

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PM Modi Cabinet Expansion 2021 दूसरा, उच्चतम स्तर तक शिक्षा का माध्यम स्वभाषा हो। विदेशी भाषा के माध्यम पर कड़ा प्रतिबंध हो। विदेशी भाषाएं जरुर पढ़ाई जाएं लेकिन सिर्फ ऊँची कक्षाओं में स्वैच्छिक तौर पर और कम समय के लिए। तीसरा, जातीय आरक्षण खत्म किया जाए और राजनीतिक दल ऐसा माहौल बनाएं कि लोग जातीय उपनाम लगाना बंद करें। यह काम राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से शुरु होकर नीचे तक चला जाए।चौथा, देश में अंतरर्जातीय, अंतरधार्मिक और अंतरभाषिक विवाहों को प्रोत्साहित किया जाए। पांचवाँ, शारीरिक और बौद्धिक श्रम का फासला घटाया जाए। लोगों की आमदनी और निजी खर्च का अंतर कौड़ियों और करोड़ों में न हो। यह अंतर अधिक से अधिक एक से बीस तक हो। छठा, पुराने आर्यावर्त्त का जो सपना महावीर स्वामी, महर्षि दयानंद और डॉ. लोहिया ने देखा था, उसे साकार करने के लिए दक्षिण और मध्यएशिया के देशों का महासंघ खड़ा किया जाए, जिसका साझा संविधान, साझी संसद, साझा बाजार और सांझी संस्कृति हो। सातवाँ, भारत सरकार विश्वपरमाणु निरस्त्रीकरण की पहल करे। यदि इस नए मंत्रिमंडल को लेकर यह सरकार इन कामों को पूरा कर सके या इस दिशा में आगे बढ़ सके तो इतिहास उसे याद रखेगा वरना इतिहास का कूड़ेदान तो काफी बड़ा होता ही है। modi new cabinet 2021
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