बेबाक विचार

न्यूजीलैंड एक नमूना है

ByNI Editorial,
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न्यूजीलैंड एक नमूना है
न्यूजीलैंड के इर्द गिर्द समुद्र का स्तर पूर्वानुमान से दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहा है। इस वजह से देश के दो सबसे बड़े शहरों पर खतरा दशकों आगे खिसक आया है। कुछ इलाके अभी से हर साल तीन से चार मिलीमीटर तक डूबना शुरू भी हो गए हैं। एक नए शोध में से जो सामने आया है, उस पर सारी दुनिया को गौर करना चाहिए। ये शोध न्यूजीलैंड के बारे में है, लेकिन जो खतरा सामने आया है, यह सिर्फ उसके लिए नहीं है। शोध से पता है कि न्यूजीलैंड के इर्द गिर्द समुद्र का स्तर पूर्वानुमान से दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहा है। इस वजह से देश के दो सबसे बड़े शहरों पर खतरा दशकों आगे खिसक आया है। पता चला है कि कुछ इलाके अभी से हर साल तीन से चार मिलीमीटर तक डूबना शुरू भी हो गए हैं। इससे भविष्य में आने वाले खतरे की गति और तेज हो गई है। जाहिर है, ये खतरा समुद्र तटों पर मौजूद बहुत से शहरों के लिए है। द्वीप देशों के लिए तो जाहिर है, खतरा ज्यादा है। गौरतलब है कि ताजा जानकारी जिस कार्यक्रम से मिली है, उसका नाम है 'एनजेड सी-राइज' है। इसके तहत दर्जनों स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों ने मिल कर काम किया। इस पूर्वानुमान का मतलब यह बताया गया है कि तटीय समुदायों के पुनर्वास जैसी जलवायु परिवर्तन संबंधी समस्याओं पर काम शुरू करने के लिए काफी कम समय बचा है। मसलन, 17 लाख आबादी वाला ऑकलैंड न्यूजीलैंड का दूसरे सबसे बड़ा शहर है और इस पर विशेष खतरा है। अनुमान है कि शहर के डाउनटाउन वॉटरफ्रंट और केंद्रीय इलाकों में समुद्र का स्तर 50 प्रतिशत और ज्यादा तेजी से बढ़ेगा और इसका व्यापक असर मकानों के दाम और बीमा दरों पर पड़ेगा। 'एनजेड सी-राइज' ने एक ऑनलाइन टूल विकसित किया है, जिसकी मदद से स्थानीय लोग और अधिकारी तटरेखा के अपने हिस्से के लिए पूर्वानुमान का पता लगा सकते हैं। जाहिर है, अब हाथ पर हाथ रख कर बैठे रखने का वक्त नहीं है। अब यह तुरंत यह सोचना होगा कि स्थिति से निपटने के लिए क्या किया जाना चाहिए। ये अच्छी बात है कि न्यूजीलैंड की सरकार ने ध्यान दिया है। अच्छी बात है। ऐसी पहल दुनिया भर के उन देशों में तुरंत होनी चाहिए, जहां उठते समुद्र तल से जान-माल को खतरा है।
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