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बस अच्छा-अच्छा देखो!

भारतीय मीडिया के एक हिस्से ने जिस तरह इंटरव्यू में से भारतीय अर्थव्यवस्था की सकारात्मक छवि निकालने की कोशिश की है, वह हैरतअंगेज तो है, लेकिन उससे भी ज्यादा यह अफसोसनाक है।

नौरील रॉबिनी न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस में प्रोफेसर हैं। अभी हाल में वे अपनी किताब मेगा थ्रेट्स 2023 बियोंड के प्रकाशन के साथ चर्चित हुए हैं। इसके अलावा विश्व कारोबार में डॉलर का वर्चस्व संबंधी उनके अनुमान ने भी उन्हें चर्चा में बना रखा है। प्रो. रॉबिनी ने एक भारतीय टीवी चैनल को इंटरव्यू में दिया। उसमें उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के वर्तमान और संभावनाओं का एक ठोस आकलन उन्हें प्रस्तुत किया है। लेकिन भारतीय मीडिया के एक हिस्से ने जिस तरह उनकी बातों में से भारतीय अर्थव्यवस्था की सकारात्मक छवि निकालने की कोशिश की है, वह हैरतअंगेज तो है, लेकिन उससे भी ज्यादा यह अफसोसनाक है। मसलन, प्रो. रॉबिनी का अनुमान सुर्खियों में आया है कि भारत लंबे समय तक 7 से 8 प्रतिशत तक वृद्धि दर हासिल करने में सक्षम है। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया है कि ऐसा करने के लिए भारत को नीतियों और स्थितियों में क्या बदलाव लाना होगा। इसी तरह उनकी ये बात सुर्खी बनी है कि कारोबार की नई मौद्रिक व्यवस्था में भारतीय रुपया भी रिजर्व करेंसी के रूप में उभरेगा। जबकि प्रो. रॉबिनी ने असल में कहा यह है कि भारत का विभिन्न देशों को जो आयात-निर्यात होगा, उस हिस्से का भुगतान रुपये में भी होगा।

यह प्रकरण इसलिए महत्त्वपूर्ण है कि भारतीय मीडिया आज इसी तरह आधी सूरत दिखा कर भारत में हेडलाइन मैनेजमेंट का हिस्सा बना हुआ है। प्रो. रॉबिनी की बातों में से सकारात्मक पक्ष निकाल कर उस पर संपादकीय लिखे गए हैँ। जबकि अगर उनके पूरे इंटरव्यू पर गौर किया जाए, तो उससे भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने मौजूद कठिन चुनौतियों पर रोशनी पड़ती है और साथ ही कई मामलों में भारत सरकार की नीतियों की आलोचना भी उसमें मौजूद है। प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव (पीएलआई) जैसी सरकारी नीतियां क्यों ज्यादा कुछ हासिल नहीं कर पा रही हैं, इसकी वजहें प्रो. रॉबिनी ने बताई हैँ। दरअसल, अगर उनकी बातों को सही संदर्भ में लिया जाए, तो भारत की संभावनाओं को हासिल करने के लिए जरूरी नीतिगत परिवर्तनों का एक खाका उसमें मौजूद है। लेकिन भारतीय मीडिया की बलिहारी है कि उसने प्रो. रॉबिनी को भारत के ‘फैन्स क्लब’ के सदस्य के रूप में पेश कर दिया है।

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