बेबाक विचार

हिंदू राष्ट्र के घोषणापत्र का अब केजरीवाल का वक्त!

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हिंदू राष्ट्र के घोषणापत्र का अब केजरीवाल का वक्त!
अरविंद केजरीवाल ने भूमिका बना ली है। हिंदुत्व की प्रयोगशाला में उनकी फसल पक रही है। 22 साल से नरेंद्र मोदी ने गुजरातियों की बुद्धि में हिंदू राजनीति की जो फसल काटी उस पर अब केजरीवाल का दावा बन रहा है। बस, इतनी भर कमी है जो केजरीवाल ने गुजरात की बजाय दिल्ली में हिंदुत्व की ब्रांडिंग की। रुपए पर लक्ष्मी-गणेश की फोटो से खुशहाली आने की बात कह कर उन्होंने व्यर्थ हिंदू वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के रुपया कमजोर नहीं, बल्कि डॉलर मजबूत वाले अर्थशास्त्र को चुनौती दी। अपने को ज्यादा बड़ा ज्ञानी हिंदू अर्थशास्त्री बताया। यह सब उन्हें अहमदाबाद में करना था। दिवाली की पूजा से हुए अपने इलहाम को गुजरात के लक्ष्मी भक्तों से शेयर करते। कुल मिलाकर केजरीवाल ने संघ और भाजपा का यह बीज तत्व जाना है कि गुजरात से ही हिंदू मनोदशा की खुराक बनती है। गुजरात के गांधी से ही देश भर के हिंदू साबरमती के संत के भक्त बने। गुजरात के प्रयोगों से ही नरेंद्र मोदी हिंदू हृदय सम्राट हुए। वे भक्तों के एकेश्वर देवता बनने की परमानंद अवस्था में हैं। सो, आश्चर्य नहीं जो गांधी बाबा, मोदी राजा के प्रयोगों की मसीहा दास्तां पर अरविंद केजरीवाल भी हिंदू राजनीति के नए बीज मंत्र सोच रहे हैं। आखिर वे भी बनिया हैं। उनकी भी आंखें आम आदमी की बदहाली से छलछला जाती हैं। तभी गांधी की पोशाक और उनके चरखे, मोदी के शृंगार और उनके चश्मे के साथ केजरीवाल की पोशाक और झाड़ू की मैसेजिंग के भाव बूझे हैं बेचारा हिंदू वैष्णव जन श्रद्धा से क्यों न माने नई पीढ़ी का नया हिंदू मसीहा! तभी मेरा मानना है केजरीवाल मौका नहीं चूकेंगे। चूकना भी नहीं चाहिए। सवाल है वे आगे और क्या करें? क्या मैं जवाब बताऊं? मुझे लगता है बताना चाहिए। क्यों? इसलिए कि गांधी-नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी के प्रति हिंदू आस्था के 75 साला अनुभवों को जानने-समझने के बाद मेरी हिंदू बुद्धि को ले कर कुछ ठोस मान्यताएं बनी हैं। उनके चलते मेरा सोचना है कि हिंदुओं को केजरीवाल का भी अनुभव ले लेना चाहिए। अनुभव किस बात का? हिंदू राजनीति की बुद्धि का! इसलिए क्यों नहीं केजरीवाल गुजरात 2022 के चुनाव से, सोमनाथ मंदिर के प्रांगण में हिंदू राष्ट्र का शंख बजाते हैं? वे गुजरातियों के आगे कसम खाएं, अपना घोषणापत्र जारी करें और वादा करें कि मैं 2022 में गुजरात को देश का पहला हिंदू प्रदेश बनाऊंगा। इसके बाद मेरी पार्टी सन् 2024 का चुनाव भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए लड़ेगी! कल्पना करें केजरीवाल ने यदि ऐसा संकल्प लिया, हिंदू प्रदेश व हिंदू राष्ट्र का घोषणापत्र जारी किया तो गुजरातियों में जोश का कैसा ज्वार उमड़ेगा? उसका नतीजा क्या होगा? नरेंद्र मोदी व अमित शाह के तोते उड़ जाएंगे। आरएसएस और संघ को अपने अघोषित स्वंयसेवक से तब वह प्रेरणा मिलेगी कि उसका बनारस का कार्यकर्ता और प्रचारक भी 2024 में चाहने लगेगा कि मोदीजी नहीं, बल्कि केजरीवाल वाराणसी से चुनाव लड़ें। ऐसा क्या घोषणापत्र बन सकता है? क्या अर्थ है गुजरात को भारत के सर्वप्रथम हिंदू प्रदेश बनाने का? तो केजरीवाल और उनकी पार्टी को मेरे ये सुझाव हैं- पहली बात वे घोषित करें कि उनकी पार्टी जीती तो गुजरात स्टेट का सिंबल बौद्ध राजा के अशोक स्तंभ के शेर की जगह सोमनाथ मंदिर होगा। स्टेट का झंडा भगवा घोषित होगा। ‘जय, जय गरवी गुजरात’ नहीं, बल्कि ‘जय लक्ष्मी माता’ स्टेट गान होगा ताकि गुजरातियों में लक्ष्मीजी की कृपा और बरसे। ‘ग्रेटर फ्लेमिंगो’ की बजाय आप पार्टी की सरकार हंस को प्रदेश का पक्षी घोषित करेगी। स्टेट का फूल गेंदा की बजाय कमल का फूल होगा। स्टेट पशु एशियाटिक लॉयन नहीं, बल्कि गौमाता घोषित होंगी। गांधीनगर का सचिवालय भगवा रंग में रंगा होगा। दफ्तरों में सरकारी कर्मचारी रामनामी का गमछा पहने काम करेंगे ताकि रामजी के ध्यान में भ्रष्टाचार नहीं करें। गुजरात प्रदेश का राजकीय रंग भगवा घोषित होगा। स्टेडियम का नाम मोदी स्टेडियम नहीं, बल्कि हनुमान स्टेडियम होगा। हर गुजराती परिवार को हिंदू-ग्रंथों-कथाओं-आरतियों का कलेक्शन मिलेगा। हर महिला को प्रतिमाह पूजा का सामान दिया जाएगा। हर परिवार को सरकार एक-एक गाय बांटेगी जो सामूहिक गौशाला में रहेगी लेकिन उसका दूध प्रतिदिन परिवार को मिलेगा। मुरारी बापू, बाबा रामदेव आदि स्टेट संत घोषित होंगे। इन स्टेट संतों के साथ सप्ताह में एक दिन आप पार्टी का मुख्यमंत्री और कैबिनेट बैठक करके उनके परामर्श से हिंदू धर्मानुसार निर्णय लेंगे। हर व्यापारी-कारोबारी को लक्ष्मीजी-गणेशजी के वे फोटो, वे मूर्तियां मिलेंगी जो पंडितों की प्राण प्रतिष्ठा से दिव्यता पाए हुए होंगी!...आदि, आदि। क्या ऐसे संकल्प हनुमानभक्त अरविंद केजरीवाल को घोषणापत्र में नहीं लेने चाहिए? जान लें यदि केजरीवाल ने गुजरात स्टेट का ऐसा हिंदूकरण किया तो सन् 2024 में उत्तर भारत में अपने आप उनका यह कहा सच्चा लगेगा कि वे ही अकेले असली हिंदू कर्मयोगी, सच्चे हनुमानभक्त। आखिर नरेंद्र मोदी 22 सालों में गुजरात को अब तक हिंदू स्टेट नहीं बना पाए तो केजरीवाल क्यों नहीं भक्त हिंदुओं से आह्वान करें कि मुझे मौका दो, मेरी सरकार कैबिनेट की पहली बैठक में गुजरात को हिंदू प्रदेश बनाएगी। हिंदुओं ने केंद्र में सरकार बनवाई तो पहला फैसला भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने का होगा। गौहत्या पर पाबंदी का अखिल भारतीय कानून बनेगा। मुसलमानों के बच्चे पैदा करने की संख्या कम कराने के नियम-कायदे बनेंगे! जाहिर है हिंदू राजनीति में ऐसे आइडिया कम नहीं हैं। इसलिए केजरीवाल को मौका नहीं चूकना चाहिए। उन्हें जब गुजरात के हिंदू सुनते हुए हैं तो वे क्यों मौका चूकें। केवल करेंसी पर लक्ष्मी-गणेश की फोटो की मांग पर ही नहीं अटकें, बल्कि दिल-दिमाग को छू लेने वाला घोषणापत्र बना कर नए हिंदू मसीहा बनने का घोषणापत्र भी बना डालना चाहिए।
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