बेबाक विचार

मंत्री की मौत से उठे सवाल

ByNI Editorial,
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मंत्री की मौत से उठे सवाल
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश विधानमंडल के संक्षिप्त सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी के विधायक सुनील सिंह साजन ने विधानसभा परिषद में यह कहकर सबको चौंका दिया कि कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान न सिर्फ अस्पताल की बदहाली के शिकार हुए, बल्कि उनके साथ डॉक्टरों और अस्पताल कर्मियों ने बहुत ही अपमानजनक व्यवहार किया। सपा विधायक का कहना था कि वे भी चेतन चौहान के साथ ही कोरोना वॉर्ड में भर्ती थे और उनके पास वाले बेड पर ही थे। उनका आरोप था कि चेतन चौहान कोरोना से नहीं, बल्कि सरकार की अव्यवस्था से असमय मृत्यु का शिकार हुए। लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई उत्तर प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में से एक है। इसके अलावा भी यहां कुछ बेहतरीन अस्पताल हैं, जहां सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य सुविधाओं का दावा किया जाता है। लेकिन कोरोना संक्रमण के दौरान इन अस्पतालों की बदहाली और वहां की व्यवस्था की पोल खुल गई है। अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों के अशिष्ट व्यवहार की भी चर्चा इसलिए हुई क्योंकि कई ‘वीआईपी' लोग बड़ी संख्या में इसकी चपेट में आए हैं। आम लोगों के साथ तो ऐसा अक्सर होता रहता है, लेकिन तब यह मुद्दा नहीं बन पाता। पिछले दिनों इलाहाबाद संसदीय सीट से भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी के पति पूरन चंद्र जोशी की निगेटिव रिपोर्ट को पॉजिटिव बता दिया गया। जब परिवार के लोग उन्हें भर्ती कराने दिल्ली ले जाने लगे, तो पता चला कि रिपोर्ट निगेटिव है। ऐसी अव्यवस्थाएं वीआईपी लोगों के साथ हई हैं। इसलिए सवाल उठना वाजिब है। जहां तक चेतन चौहान की कोरोना संक्रमण से मृत्यु का सवाल है, तो उनकी पत्नी और परिजन सरकारी लापरवाही की बात नहीं मानते। लेकिन सपा विधायक सुनील साजन के साथ ही दूसरे राजनीतिक दलों और कई अन्य प्रमुख लोगों ने भी इस मामले की जांच की मांग की है। यह तो साफ है कि भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। लेकिन कोरोना संक्रमण के दौरान देश के विभिन्न राज्यों की स्वास्थ्य सेवाओं की सच्चाई सामने आ गई है। दो अगस्त को यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री कमला रानी वरुण की लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में कोरोना संक्रमण के इलाज के दौरान मौत हो गई। 16 अगस्त को पूर्व क्रिकेटर और कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान अपनी जान गंवा बैठे। इससे पहले भी यूपी सरकार में करीब एक दर्जन मंत्री संक्रमित हो चुके हैं। इसे सामान्य बात तो नहीं कहा जा सकता।
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