बेबाक विचार

प्रतिबंधों का उलटा असर?

ByNI Editorial,
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प्रतिबंधों का उलटा असर?
रूसी मुद्रा रुबल इस साल अब तक दुनिया में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाली मुद्रा साबित हुई है। उधर अनुमान है कि रूस में इस साल रिकॉर्ड व्यापार मुनाफा होगा। तो क्या रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों का उलटा असर हो रहा है? दो खबरों पर गौर कीजिए। अमेरिकी वेबसाइट ब्लूमबर्ग ने बताया है कि रूसी मुद्रा रुबल इस साल अब तक दुनिया में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाली मुद्रा साबित हुई है। उधर लंदन की मशहूर पत्रिका द इकॉनमिस्ट ने अनुमान लगाया है कि रूस में इस साल रिकॉर्ड व्यापार मुनाफा होगा। तो ये सवाल उठेगा कि क्या रूस पर लगाए गए पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का उलटा असर हो रहा है? एक तरफ प्रतिबंधों के परिणामस्वरूप पश्चिमी देशों में महंगाई और आर्थिक समस्याएं बढ़ी हैं। जबकि ऐसा लगता है कि रूसी अर्थव्यवस्था कुछ मामलों में मजबूत हुई है। ब्लूमबर्ग ने कहा है कि रूस ने पूंजी नियंत्रण की नीति अपना कर रुबल को ढहने से बचा लिया है। इस साल के आरंभ में अमेरिकी डॉलर की तुलना में रुबल का जो भाव था, बीते हफ्ते उसकी कीमत उससे 11 प्रतिशत अधिक थी। दुनिया के किसी अन्य देश की मुद्रा की कीमत इस वर्ष इतनी नहीं बढ़ी। 31 देशों की मुद्राओं के आकलन के आधार पर ब्लूमबर्ग ने ये निष्कर्ष निकाला है। द इकॉनमिस्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि रूस ने हालांकि व्यापार के बारे में हर महीने आंकड़े जारी करना रोक दिया है, लेकिन उससे व्यापार कर रहे देशों के आंकड़ों से संकेत मिला है कि रूस का व्यापार लाभ तेजी से बढ़ रहा है। पिछले नौ मई को चीन ने बताया कि रूस को उसके निर्यात में लगभग 25 प्रतिशत की गिरावट आई है। लेकिन रूस से आयात 56 प्रतिशत बढ़ा है। मार्च में रूस को जर्मनी के निर्यात में 62 प्रतिशत की गिरावट आई। जबकि रूस से वहां आयात सिर्फ तीन फीसदी घटा। रूस के सबसे बड़े आठ व्यापार सहभागियों के मामले में ऐसा ही रुझान देखा गया है। उनके मुताबिक रूस को हुए निर्यात में जहां 44 फीसदी गिरावट आई है, वहीं रूस से होने वाला आयात आठ प्रतिशत बढ़ा है। रूस पर पश्चिमी देशों ने जब सख्त प्रतिबंध लगाए, तब रुबल की कीमत धड़ाम से गिरी थी। लेकिन बाद में रूसी सेंट्रल बैंक ने उसे संभाल लिया। सवाल है कि क्या लाभ की यह स्थिति टिकाऊ होगी? ऐसा हुआ, तो पश्चिम के लिए मुश्किल स्थिति खड़ी हो सकती है।
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