बेबाक विचार

कॉमेडी से इतना डरना!

ByNI Editorial,
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कॉमेडी से इतना डरना!
पिछले महीने भारतीय कलाकार वीर दास ने अमेरिका में स्टैंड-अप कॉमेडी के दौरान टू इंडियाज मोनोलॉग पढ़ा था। उसको लेकर भी भारत में काफी बवाल मचा। उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत भी की गई। जाहिर है, आज कटाक्ष और व्यंग्य एक खतरनाक काम हो गया है। भारत में इन दिनों कॉमेडियन्स की शामत आई हुई है। उनके लिए अपना शो पेश करना लगातार जोखिम भरा होता जा रहा है। पिछले दिनों कानून और व्यवस्था की समस्याओं का हवाला देते हुए मुनव्वर फारूकी के स्टैंड-अप कॉमेडी शो को अनुमति देने से कर्नाटक पुलिस ने इनकार कर दिया। उसके कुछ ही दिन बाद कर्नाटक पुलिस ने ही एक और स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा को बेंगलुरु में शो की इजाजत नहीं दी। कामरा ने एक ट्विट में बताया कि उनका शो रद्द करने के लिए पुलिस ने क्या कारण बताए। कहाः पहला-आयोजन स्थल पर 45 लोगों के बैठने की इजाजत से इनकार और दूसरा- शो को लेकर मिल रही धमकियां। कामर ने लिखा- "मुझे लगता है मेरा शो रद्द करवाना कोविड प्रोटोकॉल और नई गाइडलाइंस का हिस्सा है। मुझे लगता है मुझे वायरस के वेरिएंट की तरह देखा जा रहा है।" Read also डर से ज्यादा सावधानी की जरूरत ये कटाक्ष आज की हकीकत है। जो लोग सत्ता पर व्यंग्य करते हैं, उन्हें सचमुच एक खतरनाक वायरस की तरह  देखा जा रहा है। कामरा का शो रद्द होने सें कुछ दिन स्टैंड-अप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी ने अपना शो रद्द होने के बाद कॉमेडी छोड़ने का एलान र एक पोस्ट सोशल मीडिया के जरिए की थी। फारूकी लंबे समय से दक्षिणपंथी संगठनों के निशाने पर रहे हैं। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा था- "नफरत जीत गई, आर्टिस्ट हार गया, अब बस, अलविदा! अन्याय।" गौरतलब है कि फारूकी का यह बारहवां शो था, जिसे पिछले दो महीनों में रद्द कर दिया गया था। बेंगलुरू पुलिस ने एक बयान में उन्हें "विवादास्पद व्यक्ति" करार दिया। पुलिस ने कहा कि कानून और व्यवस्था के उल्लंघन और सांप्रदायिक सद्भाव खराब होने के डर से मुनव्वर फारूकी का शो रद्द कर दिया गया था। इससे पहले स्थानीय दक्षिणपंथी समूहों ने फारूकी और शो के आयोजकों को धमकी दी थी। इसके पहले पिछले महीने भारतीय कलाकार वीर दास ने अमेरिका में स्टैंड-अप कॉमेडी के दौरान टू इंडियाज मोनोलॉग पढ़ा था। जिसको लेकर भारत में काफी बवाल मचा। दास ने दो भारत के बारे में बात की थी। एक अच्छे और एक बुरे। इसके बाद उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत भी की गई। तो जाहिर है, आज कटाक्ष और व्यंग्य एक खतरनाक काम हो गया है। लेकिन सवाल है कि आखिर कटाक्ष और व्यंग्य से किसे और क्यों डर लगता है?
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