अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के दौरान दोनों प्रतिद्वंदियो के बीच होने वाली बहस का प्रसारण दशकों से पूरी दुनिया के लिए बहुत लोकप्रिय व चर्चित रहा है। मगर हाल में अमेरिका में 3 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले हुई पहली बहस में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन व रिपब्लिक पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच जो बहस हुई उसका स्तर देखकर अमेरिका ही नहीं पूरी दुनिया के दर्शक भौचके रह गए है। इसलिए कि बहस बेहद निचले स्तर की जुबानी जंग वाली हुई।
29 सितंबर को ओहियो के क्लीवलैंड में 90 मिनट तक चली इस बहस में जमकर हंगामा हुआ। चुनाव में कुल तीन बहस होनी है। इस बहस के दौरान दोनों ही उम्मीदवारों ने एक दूसरे पर जमकर जवाबी प्रहार किए। उन पर व्यक्तिगत बातों के प्रहार हुए। ट्रंप ने तो 73 बार जो बाइडेन के बोलने के दौरान हस्तक्षेप करके अपना पिछला रिकार्ड कायम रखने की कोशिश की। लोगों को अपनी बातें कहने व रोकना उनकी पुरानी आदत हैं। उन्होंने 2016 में भी तत्कालीन राष्ट्रपति पद की डेमोक्रेट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को पहली बहस के दौरान 51 बार टोका था।
हालात इतने खराब हुए कि बहस के संचालक ने ट्रंप को टोका-टोकी करने से रूकने के लिए कहा। मगर जहां जो बाइडेन 43 मिनट तक बोले वहीं ट्रंप ने 38 मिनट तक ही अपनी बात रखी व बहस की। मजेदार बात यह है कि अब तक चली आ रही परंपरा की अनदेखी करते हुए कोविड-19 के कारण दोनों उम्मीदवारों ने हाथ नहीं मिलाया। ट्रंप उन्हें लगातार जमकर घूरते रहे। हालांकि जब ट्रंप उनके द्वारा बोलते समय टोका-टाकी करते तो जो बाइडेन कैमरे की और देखते हुए इशारों से अमेरिकी वोटर को मानों ट्रंप के बारे में कुछ बताना चाहते नजर आए।
दोनों उम्मीदवारों के बीच जमकर नोक-झोंक हुई व कई बार तो ऐसा लगा कि मानो किसी खबरिया चैनल व उत्तरी भारत में किसी राज्य के दो दलो के प्रतिद्वंद्वी आपस में बहस कर रहे हो। दोनों के बीच जमकर नोक-झोंक हुई। इस पहली बहस में नस्लवाद, कोरोना, सुप्रीम कोर्ट के तमाम मुद्दो समेत कई मुद्दो पर दोनों उम्मीदवार जमकर भिडे। ट्रंप ने बहस के दौरान भारत, चीन, रूस का नाम लेते हुए उनकी आलोचना भी की। उन्होंने आरोप लगाया कि ये देश कोरोना के आंकड़े छुपा रहे हैं।
बहस में श्वेत नस्लीय वर्चस्ववाद छाया रहा। जब बहस का संचालन कर रहे क्रिस वैलेस ने ट्रंप से पूछा कि क्या आप श्वेत नस्लवाद का वर्चस्व स्थापित करने वाले लोगों व आतंकवादी संगठनों की निंदा करने के लिए तैयार हैं तो इसके जवाब में ट्रंप ने कहा कि मैं वह सब कहूंगा जोकि मुझे वामपंथ की और दिखाई देगा। दक्षिण पंथ की और नहीं। मैं शांति देखना चाहता हूं। इस पर कुरेदने पर ट्रंप ने कहा कि मुझे कोई नाम बताइए तो जो बाइडेन ने कहा कि प्राउड ब्वायज।
याद दिला दे कि प्राउड ब्वायज एक धुर दक्षिणपंथी संगठन है व अमेरिका में पिछले दिनों एक अश्वेत नागरिक की पुलिस द्वारा हत्या किए जाने के विरोध में जब वहां दंगे भड़के थे तब ट्रंप ने पुलिस वालो के खिलाफ कुछ भी नहीं करा या कहा था। तब यह माना जाता था कि वे चुनाव के मद्देनजर श्वेत वोट बैंक को मजबूत कर रहे हैं। बहस में पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते से हटने पर अपने प्रशासन के फैसले को सही ठहराते हुए ट्रंप ने कहा कि यह एक आपदा है और परिवर्तन समझौते से बाहर जाने के कारण लोग खुश हैं। वहीं जो बाइडेन का कहना था कि सत्ता में आने पर वे इस ऐतिहासिक समझौते में फिर से शामिल होने की कोशिश करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के एक न्यायाधीश की नियुक्ति पर उठे विवाद के बारे में ट्रंप का कहना था कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को मनोनीत करने का अधिकार है वहीं जो बाइडेन ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाले को यह काम करना चाहिए। यहां यह याद दिलाना जरूरी हो जाता है कि एमी कोनी बैरेट को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नामित करने पर विवाद उठ खड़ा हुआ है।
कोरोना वायरस के कारण पर पूछे गए सवाल पर जो बाइडेन व ट्रंप के बीच जमकर गरमा-गरम बहस हुई। बाइडेन ने उनसे कहा कि अमेरिका जैसे विकसित देश में कोरोना की वजह से दो लाख लोगों के मरने की वजह से उन्हें शर्म आनी चाहिए व राष्ट्रपति ट्रंप के प्रशासन के पास इससे निपटने की कोई योजना नहीं थी तो ट्रंप ने कहा कि अगर मैं यह कहूं कि कोरोना चीन की वजह से फैला तो इसमें क्या गलत है। देश के ज्यादातर गवर्नर मेरा समर्थन करते हैं। कुछ देश अपने यहां वायरस संक्रमित लोगों के बारे में सही जानकारी नहीं दे रहे हैं।
जब डेमोक्रटिक पार्टी के उम्मीदवार ने कहा कि महामारी के दौरान ट्रंप जैसे अरबपतियो ने टैक्स के तौर पर सिर्फ 750 डालर दिए हैं व देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है तो ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने टैक्स के रूप में लाखों डालर का भुगतान किया है। इस पर बाइडेन ने उनसे आयकर भुगतान के कागजात दिखाने को कहा मगर ट्रंप ने नहीं दिखाए।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि जो बाइडेन ने 47 साल तक कुछ नहीं किया और अपनी कक्षा में वे निचले स्थान पर रहे। उन्होंने चीन सहित विदेशी हितधारको को लाखों डालर दिए जबकि जो बाइडेन को झूठा व मसखरा कहा। उनका कहना था कि अब तक ट्रंप ने जो कुछ भी कहा है वह झूठ है। सब लोगों को पता है कि कौन झूठा हैं। ट्रंप ने बाइडेन के बेटे पर कोकीन लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसे इसी वजह से सेना से हटाया गया था। जबकि बाइडेन का कहना था कि हंटर ड्रग लेने की समस्या से उबर चुका है।
बाइडेन ने कहा कि वे अब तक के अमेरिका के सबसे खराब राष्ट्रपति हैं। उनका कहना था कि इस व्यक्ति से कोई अच्छा शब्द सुनने की अपेक्षा नहीं की जा सकती हैं। ट्रंप तो पूतिन का पिल्ला है। जब संचालनकर्ता ने दोनों से पूछा कि क्या वे लोग चुनाव नतीजो को स्वीकार कर उसका स्वागत करेंगे तो ट्रंप ने शांतिपूर्वक तरीके से सत्ता के हस्तांतरण की कोई गारंटी नहीं दी। उनका कहना था कि हमें नहीं पता कि मैं 3 नवंबर को हारूंगा अगर ऐसा हुआ तो मुझे पता नहीं कि क्या होगा। ध्यान रहे कि अब ऐसी ही दो और बहसे होनी बाकी है। पहले ऐसी बहसो का संचालन कर चुके एबीसी न्यूज के पत्रकार जार्ज स्टीफ का कहना था कि यह उनके जीवन की सबसे खराब बहस है।
पहली बहस में ट्रंप-अमेरिका की हकीकत
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