बेबाक विचार

अंधानुकरण तो ठीक नहीं

ByNI Editorial,
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अंधानुकरण तो ठीक नहीं

ताजा विवाद ब्रिटेन में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच महामारी संबंधी तमाम प्रतिबंधों को हटाने के जॉनसन सरकार के फैसले से खड़ा हुआ है। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने अंदेशा जताया है कि ब्रिटिश सरकार के इस फैसले से कोरोना वायरस के नए वैरिएंट्स के उत्पन्न हो सकते हैँ।

coronavirus restrictions lifted scientists : ब्रिटेन की बोरिस जॉनसन सरकार की विज्ञान विरोधी सोच पहले भी सामने आती रही है। उससे समस्याएं भी खड़ी हुई हैँ। ब्रिटेन अगर उन देशों में शामिल हुआ, जहां कोरोना संक्रमण के कारण सबसे ज्यादा मौतें हुईं, तो उसके लिए प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की सोच को भी उचित ही दोषी माना जाता है। ये जॉनसन ही थे, जब उन्होंने महामारी के आरंभिक दिनों में हर्ड इम्युनिटी का इंतजार करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि ये इम्युनिटी बनने तक आठ लाख लोग मर सकते हैँ। ये बात उन्होंने इतनी आसानी से कह डाली कि उन पर अमानवीय नजरिया अपनाने का आरोप लगा था। बहरहाल, अब ताजा विवाद ब्रिटेन में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच महामारी संबंधी तमाम प्रतिबंधों को हटाने के जॉनसन सरकार के फैसले से खड़ा हुआ है। इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री जॉनसन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हुई है। Read also महंगी पड़ेगी मुफ्त बिजली 2 variants in one female अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने पिछले दिनों एक आपात बैठक में अंदेशा जताया कि ब्रिटिश सरकार के इस फैसले से कोरोना वायरस के नए वैरिएंट्स के उत्पन्न हो सकते हैँ। उनमें ऐसे वैरिएंट भी हो सकते हैं, जिन पर मौजूदा वैक्सीनों का असर ना हो। तकरीबन 1200 से अधिक वैज्ञानिकों की इस चर्चा में ये राय उभरी कि ब्रिटेन कोरोना वायरस संक्रमण के केंद्र के रूप में उभर सकता है, जिससे सारी दुनिया के लिए खतरा पैदा होगा। इस क्रम में ये सवाल उठा है कि क्या जॉनसन ‘कोरोना वायरस के साथ जीना सीखने’ के सिंगापुर में अपनाए गए मॉडल का अंधानुकरण कर रहे हैं। लेकिन हकीकत यह है कि दोनों देशों के हालात बिल्कुल अलग हैं। Read also मोदी की तरह ममता का भाषण सुनाया जाएगा सिंगापुर की आबादी लगभग 57 लाख है, वहीं ब्रिटेन की आबादी साढ़े छह करोड़ से ज्यादा है। इसके अलावा ब्रिटेन उन देशों में है, जहां कोरोना संक्रमण के कारण सबसे ज्यादा मौतें हुई हैँ। वहां एक लाख 29 हजार से ज्यादा लगों की जान गई है। जबकि सिंगापुर में अब तक सिर्फ 36 लोगों की जान कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से गई है। ब्रिटेन ने शुरुआत से ही कोरोना महामारी से निपटने में भ्रामक रुख अपनाया। जबकि सिंगापुर ने तुरंत अपनी सीमाएं बंद कर दीं। साथ ही सिंगापुर में व्यापक रूप से जांच करने और पॉजिटिव पाए गए मरीजों को क्वारैंटीन करने के उपाय लागू किए गए। ऐसे में अगर जॉनसन सचमुच उसका अनुकरण कर रहे हैं, तो उसे अतार्किक ही कहा जाएगा। coronavirus restrictions lifted scientists
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