बेबाक विचार

जिहाद की यूनिवर्सिटी

ByNI Editorial,
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जिहाद की यूनिवर्सिटी
पाकिस्तान ने पिछले दिनों भारत के खिलाफ डोजियर तैयार किया। दावा किया कि इसमें पूरा विवरण है कि कैसे भारत उसके यहां आतंकवाद को संचालित करता है। भारत सरकार ने उसका माकूल जवाब दिया है। बहरहाल, जिस देश में बाकायदा जिहाद की यूनिवर्सिटी चलती हो, उसका ऐसी बातें करना एक विडंबना ही है। समाचार एजेंसी एएफपी ने अपनी एक रिपोर्ट इसका खुलासा किया है कि कैसे पाकिस्तान में एक मदरसा है, जो बड़े गर्व से अपने यहां से पढ़कर निकले दहशतगर्दों की लिस्ट रखता है। पेशावर से लगभग 60 किलोमीटर दूर अकोरा खटक में यह मदरसा स्थित है। यहां पर लगभग चार हजार छात्र पढ़ते हैं। वे सभी यहीं रहते हैं। यहां उन्हें खाना, कपड़े और शिक्षा, सब कुछ मुफ्त मिलता है। यहां पढ़ने वाले बच्चों में बहुत से पाकिस्तानी और अफगान शरणार्थी रहे हैं। यहां से निकले कुछ छात्रों ने वापस अफगानिस्तान जाकर रूस और अमेरिका के खिलाफ युद्ध लड़ा, तो कुछ जिहादी विचारधारा का प्रचार करते हैं। कुछ हल्कों में आलोचना के बावजूद इस मदरसे को पाकिस्तान की सरकार से पूरा समर्थन मिलता है। इसका नाम दारूल उलूम हक्कानिया है। उसके नेताओं ने इंटरनेट पर पोस्ट एक वीडियो में खुल कर तालिबान उग्रवादियों का समर्थन किया। अफगान सरकार ने इस पर अपनी आपत्ति जताई। अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के प्रवक्ता सादिक सिद्दीकी ने एएफपी से बातचीत में कहा कि हक्कानिया जैसे मदरसे "कट्टरपंथी जिहाद को जन्म देते हैं और फिर तालिबान पैदा होते हैं, जिनसे हमारे देश को खतरा है।" मगर पाकिस्तान पर कोई फर्क नहीं पड़ता। वहां के लोग आतंकवादियों से अपने संपर्कों पर फख्र करते हैं। मसलन, मदरसे का पूर्व कर्ताधर्ता समी उल हक बड़े गर्व से कहता था कि वह तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर का सलाहकार रहा है और इसीलिए उसे "तालिबान का जनक" माना जाता है। हिंसक धड़े हक्कानी नेटवर्क का नाम इसी मदरसे के नाम पर रखा गया है। अपने ही देश में हमले करने वाले कई पाकिस्तानी चरमपंथियों का संबंध भी इसी मदरसे से रहा है। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या करने वाला आत्मघाती हमलावर भी शामिल था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने राजनीतिक समर्थन के बदले हक्कानिया मदरसे को करोड़ों डॉलर की मदद दी है। जबकि सरकारी अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता लगातार चेतावनी देते रहे हैं कि ऐसे मदरसों में कट्टरपंथी मौलवी छात्रों का ब्रेन वॉश करते हैं।
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