
हालत की गंभीरता को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने देश को संबोधित करते हुए कहा है कि लोगों को इससे सचेत रहते हुए उससे निपटने के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए तैयार रहना है। उनका कहना था कि इस बार सर्दी होने की वजह से और भी बुरे हालातों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं नीदरलैंड में क्रिसमस से पहले ही काफी कड़ी बंदिशे लगा दी गई है। लगभग लाकडाउन।
जब लगा कि कोविड समाप्त होने लगा है तभी नया वेरिएंट ओमीक्रान आ गया। और अब वह तेजी से फैलने लगा है। खासतौर से ब्रिटेन-अमेरिका जैसे देशों में। सभी तरफ नए वेरिएंट का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। ब्रिटेन में 18 दिसंबर को ओमीक्रान के 1,20,000 नए मामले देखने को मिले थे। अब तक इनकी संख्या लाखों में हो गई है। वह भी तब जबकि वहां राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाने वाले क्रिसमस त्यौहार काफी करीब आ चुका है। माना जा रहा है कि इससे पीड़ित होने वालों की वास्तविक संख्या ज्यादा ही होगी।
ब्रिटेन के वहां के स्वस्थ्य मंत्री साजिद जावेद के मुताबिक सिर्फ डेल्टा वेरियंट के 4-5 मामलों का ही पता चल पाया है जबकि ओमीक्रान की असली संख्या कुछ अलग है। रविवार को कोविड के 82,886 नए मामले वहां मिल थे। यह देखते हुए उन लोगों का चिंतित होना स्वाभाविक है। साजिद जावेद के मुताबिक ब्रिटेन की सरकार लगातार हालातों की समीक्षा कर रही है और उसका अनुमान है कि इसे रोकने के लिए और कड़े प्रतिबंध लगाने की जरुरत पड़ सकती है। इस महामारी को रोक पाने की कोई गांरटी नहीं दे सकती है। हम लोग सिर्फ इसके कारण पैदा होने वाले हालातों की समीक्षा कर सकते हैं।
सरकार के मुताबिक पिछले साल की तुलना में वहां हालात कहीं ज्यादा खराब हो रहे हैं। पिछले हफ्ते की तुलना में 15000 ज्यादा लोग कोविड-19 से पीड़ित होकर अस्पतालों में भर्ती हो चुके हैं जो कि पिछले एक साल में 30 फीसदी बढ़ी संख्य है। लंदन के मेयर सादिक खान के मुताबिक फायर फाइटर से लेकर एंबुलेस तक की बड़ी संख्या में व्यवस्था करनी पड़ेगी। पिछले साल जनवरी में लंदन में हालात काफी खराब हो गए थे। इस बार दिसंबर में भी हालात खराब होने लगे हैं। लंदन में ही नहीं पूरे योरोप में कोविड-19 के मरीज लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। अमेरिका से लेकर दक्षिण अफ्रीका तक यह माहमारी बहुत तेजी से फैल रही है। अमेरिका के जाने माने विशेषज्ञ एंथोनी फौची ने लोगों को जागरुक बनाने के लिए चेतावानियों देनी शुरु कर दी है।
Read also चुनाव सुधार से 2024 का खेला!
अमेरिका में अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों और मौतों की संख्या में तेजी से इंजाफा होने की आशंका जताई गई है। इससे देश के अस्पतालों पर बहुत जबरदस्त दबाव बनेगा। जिन इलाकों में टीकाकरण कम हुआ है वहां पर कोविड के तेजी से फैलने की आशंका है। अमेरिका में अब तक ओमीक्रान से प्रभावित होने वालों की संख्या चंद हजार तक ही सीमित है। वहां जानकार मान रहे हैं कि असली संख्या का उन्हें भी पता नहीं चल पा रहा है। हालत की गंभीरता को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने देश को संबोधित करते हुए कहा है कि लोगों को इससे सचेत रहते हुए उससे निपटने के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए तैयार रहना है। उनका कहना था कि इस बार सर्दी होने की वजह से और भी बुरे हालातों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं नीदरलैंड में क्रिसमस से पहले ही काफी कड़ी बंदिशे लगा दी गई है। वहां लाकडाउन लगा दिया गया है। सभी गैर जरुरी सामान बेचने वाली दुकानें बंद कर दी गई है। तमाम बार, होटल, दुकानें आदि बंद कर दिए गए है जहां लोगों का ज्यादा आना जाना होता है। यह बंद जनवरी के मध्य तक लागू रहेगा।
वहां के प्रधानमंत्री का कहना है कि यह सब करना अनिवार्य था। ब्रिटेन का कहना है कि वह एक बार फिर लाकडाउन लगा सकता है। विश्व आर्थिक मंच ने ओमीक्रान के कारण स्विटरजरलैंड के डावोस में होने वाली अपनी वार्षिक बैठक को टाल दिया है।
वहीं इजरायल ने ओमीक्रान स्वरुप के कारण पैदा हुई चिंता में अमेरिका व कनाडा के साथ 19 देशों की यात्राओं पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया हैं। वहां ओमीक्रान के 175 मामले आ चुके हैं। इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक इन 10 देशों में अमेरिका, इटली, बेल्जियम, जर्मनी, हंगरी, मोरक्को, पुर्तगाल, स्विटरजरलैंड और तुर्की शामिल है। ये सब देश वहां की रेडलिस्ट में हैं। इन देशों से इजरायल आने वाले लोगों को क्वारंटीन में सात दिनों तक रहना पड़ेगा। रविवार को मियामी से आई उड़ान में 17 लोग कारोना संक्रमित पाए गए थे। इनमें ज्यादातर लोगों में ओमीक्रान वेरियंट मिला।