बेबाक विचार

संदेह निवारण की जरूरत

ByNI Editorial,
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संदेह निवारण की जरूरत
सीरम इंस्टीट्यूट को तुरंत संदेह निवारण करने की जरूरत है। वरना, उसके कोरोना वैक्सीन के सारे श्रम पर पानी फिर सकता है। संस्थान को याद रखना चाहिए कि आरोप लगाने वाले व्यक्ति पर मुकदमा करना पर्याप्त कदम नहीं है। बल्कि बेहतर यह होगा कि वो अनुसंधान से संबंधित सारे आंकड़े सार्वजनिक कर दे। वैक्सीन पर दुष्प्रभाव का गंभीर आरोप लगा है। दुष्प्रभाव का दावा करने वाला व्यक्ति चेनाई में रहने वाला एक बिजनेस कंसल्टेंट है। वो वैक्सीन के ट्रायल के तीसरे चरण में शामिल हुआ था। उसे एक अक्टूबर को चेन्नई के श्री रामचंद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च में वैक्सीन की एक खुराक दी गई थी। उसकी तरफ से उसके परिवार ने दावा किया है कि खुराक दिए जाने के 10 दिनों के बाद उसकी तबीयत काफी खराब हो गई और उसे अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। वो लगभग 20 दिन अस्पताल में रहा, जिस दौरान उसे भारी सिर दर्द, उल्टियां आना, लोगों को ना पहचान पाना और परिवर्तित मानसिक अवस्था में रहने जैसी शिकायतें रहीं। उसके परिवार का दावा है कि उसकी हालत अभी भी स्थिर नहीं है, उसे भारी मूड स्विंग होते हैं, चीजों को समझने और ध्यान लगाने में दिक्कत होती है और वो रोज के सरल से सरल काम भी नहीं कर पाते उस व्यक्ति और उसके परिवार ने एक लॉ फर्म के जरिए सीरम इंस्टीट्यूट को कानूनी नोटिस भेजा। उसमें उसकी इस हालात के लिए वैक्सीन के ट्रायल को जिम्मेदार ठहराया गया है। कोवीशील्ड नाम की ये वैक्सीन ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी एस्ट्राजेनेका और सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा साझेदारी में विकसित की जा रही है। नोटिस में हर्जाने के अलावा यह मांग भी की गई है। साथ ही यह भी कि वैक्सीन के ट्रायल, उत्पादन और वितरण पर तुरंत रोक लगा दी जाए। पीड़ित व्यक्ति ने यह भी आरोप लगाया है कि सीरम इंस्टीट्यूट, ऑक्सफोर्ड, आईसीएआर और ड्रग्स कंट्रोलर में से किसी ने भी खुराक देने के बाद उनकी हालत जानने की कोशिश नहीं की। सबको इन दुष्प्रभावों के बारे में अवगत कराने के बावजूद उन्होंने ना ट्रायल को रोका और ना इस जानकारी को सार्वजनिक किया। ड्रग्स कंट्रोलर और आईसीएमआर अब इन दावों की जांच कर रहे हैं। कोवीशील्ड को कोरोना वायरस महामारी की वैक्सीन के उम्मीदवारों में से सबसे आशाजनक माना जा रहा है, लेकिन यह वैक्सीन दूसरी बार इस तरह के विवादों में फंसी है। इसके लिए उठे शक के तुरंत निवारण की जरूरत है।
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