बेबाक विचार

कौन है भारत का धनपति एस्कोबार?

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कौन है भारत का धनपति एस्कोबार?
ज्यादा पुरानी बात नहीं है, जब भारत में नशे की पुड़िया पकड़ी जाती थी। अलग अलग शहरों में 30 ग्राम, 50 ग्राम की पुड़िया के साथ नाइजीरियाई नागरिक पकड़े जाते थे। दो ग्राम, चार ग्राम की पुड़िया के साथ फिल्म उद्योग से जुड़े लोग पकड़े जाते थे। लेकिन अब भारत उससे काफी आगे निकल गया है। अब भारत में ग्राम में नहीं, किलो में नहीं, बल्कि क्विटंल और टन में नशीले पदार्थ पकड़े जा रहे हैं। एक एक जगह से तीन-तीन टन हेरोइन मिल रही है। चार साल पहले जब भारत में कुछ ग्राम की पुड़िया पकड़ी जाती थी तब भारत में नशे के कारोबार को लेकर एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें बताया गया था कि पिछले तीन साल में यानी 2015 से 2018 के बीच भारत में नशे का कारोबार 455 फीसदी बढ़ा थी। यानी साढ़े चार गुने से ज्यादा हो गया था। 2018 के बाद कितनी बढ़ोतरी हुई है इसकी रिपोर्ट तो नहीं आई है लेकिन जो जब्ती हो रही है उससे पता चल रहा है कि इसका आकार बहुत बड़ा हो गया है। पिछले साल सितंबर में देश के सबसे बड़े उद्योगपति गौतम अडानी के नियंत्रण वाले मुंदरा बंदरगाह पर तीन टन हेरोइन पकड़ी गई थी। इसकी कीमत कोई 21 हजार करोड़ रुपए थी। बताया गया था कि टेल्कम पाउडर बता कर इसे भारत भेजा गया था। यह भी खबर आई थी कि यह खेप पकड़े जाने से पहले ईरान के रास्ते अफगानिस्तान से टेल्कम पाउडर की कई खेप और आ चुकी थी। जून 2021 में एक और बड़ी खेप उसी बंदरगाह से भारत में उतरने की खबर आई थी, जिसके बाद देश के कई बड़े शहरों में नशीले पदार्थों की जब्ती में अचानक तेजी आ गई थी। बहरहाल, तीन टन हेरोइन की जब्ती के अलावा भी पिछले साल गुजरात में नशीले पदार्थों की जब्ती का नया रिकार्ड बना। इस 21 हजार करोड़ रुपए के नशीले पदार्श के अलावा गुजरात पुलिस और दूसरी एजेंसियों ने 1,617 करोड रुपए के नशीले पदार्थ जब्त किए, जो 2020 में हुई जब्ती के मुकाबले आठ सौ फीसदी ज्यादा था। 2020 में गुजरात में 195 करोड़ रुपए के नशीले पदार्थ जब्त हुए थे, जो 2021 में बढ़ कर 1,617 करोड़ हो गई। इसके अलावा एक जब्ती 21 हजार करोड़ रुपए की थी। उसके बाद नए साल में अभी चार महीने बीते हैं और गुजरात में चार हजार करोड़ रुपए के करीब के नशीले पदार्थ जब्त हो चुके हैं। हेरोइन की दो खेप फरवरी और अप्रैल में पकड़ी गई, जिसकी कीमत साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए है। इस साल 11-12 फरवरी को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और भारतीय नौसेना ने 760 किलो नशीला पदार्थ पकड़ा, जिसकी कीमत दो हजार करोड़ रुपए बताई गई। इसके बाद 25 अप्रैल को दो सौ किलो नशीले पदार्थ की एक खेप और पकड़ी गई, जिसकी कीमत करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपए बताई गई। इस तरह सिर्फ दो खेप साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए की है। इसके अलावा छोटी-छोटी जब्ती अलग हो रही है। दूसरी जो डेढ़ हजार करोड़ रुपए की जब्ती हुई यह हेरोइन भी ईरान के रास्ते अफगानिस्तान से आई थी। यानी जिस रास्ते से पिछले साल 21 हजार करोड़ रुपए की हेरोइन आई थी वह रूट अब भी काम कर रहा है। सोचें, जब इतनी बड़ी मात्रा में नशीली वस्तुएं जब्त हो रही हैं तो इससे कितनी बड़ी मात्रा में सरकुलेशन में जाती होंगी? एक साधारण अनुमान के मुताबिक कोई भी प्रतिबंधित वस्तु जितनी मात्रा में जब्त होती है उससे 10 गुना ज्यादा मात्रा में सरकुलेशन में होती है। इसका मतलब है कि अगर हजारों करोड़ रुपए की जब्ती हो रही है तो नशे का कारोबार लाखों करोड़ रुपए का होगा।
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