नई दिल्ली। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो यानी एएआईबी कि जिस रिपोर्ट के आधार पर फ्यूल कंट्रोल स्विच बंद होने के लिए पायलटों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है उसे लेकर हादसे से एक महीने पहले ब्रिटेन ने चेतावनी दी थी। यह खुलासा ब्रिटेन की सिविल एविएशन ऑथोरिटी यानी सीएए ने की है। उसने मंगलवार को बताया कि सीएए ने अहमदाबाद विमान हादसे से एक महीने पहले बोइंग विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच को लेकर को लेकर अलर्ट जारी किया था।
इस खुलासे में बताया गया है कि सीएए ने 15 मई को विमानन कंपनियों को निर्देश दिए थे कि वे अमेरिका की फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन यानी एफएए के निर्देशों का पालन करें। एफएए ने अपने निर्देश में बोइंग 737, बोइंग 757, बोइंग 767, बोइंग 777 और बोइंग 787 विमानों में फ्यूल शटऑफ वॉल्व एक्ट्यूएटर्स को संभावित खतरा बताया था। सीएए ने ब्रिटेन के लिए उड़ान भरने वाली सभी विमानन कंपनियों को आदेश भी दिया था कि वे इन वॉल्व्स की जांच करें, जरूरत हो तो बदलें या रिपेयर करें और अनिवार्य रूप से हर दिन जांच करें।
गौरतलब है कि भारत में एएआईबी की जांच की शुरुआती रिपोर्ट में पता चला है कि फ्यूल स्विच बंद होने की वजह से 12 जून को अहमदाबाद में विमान हादसा हुआ था, जिसमें 260 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद नागरिक विमानन महानिदेशालय यानी डीजीसीए ने भारत में रजिस्टर्ड सभी बोइंग विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच करने का आदेश दिया। डीजीसीए सोमवार को आदेश जारी किया। इसमें कहा गया है कि जांच 21 जुलाई तक पूरी कर ली जाए और उसके बाद डीजीसीए को रिपोर्ट सौंपी जाए।