नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार को बड़ी राहत दी है। अगले महीने 20 तारीख को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले गुरुवार, 24 अक्टूबर को सर्वोच्च अदालत ने चुनाव चिन्ह के मामले में अंतरिम फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि अजित पवार गुट की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी आगामी विधानसभा चुनावों में घड़ी चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल कर सकती है। हालांकि अदालत ने साथ ही यह भी कहा कि उसे चुनावी बैनर और पोस्टर्स में यह लिखना होगा कि यह विवाद का विषय है और कोर्ट में विचाराधीन है।
सुप्रीम कोर्ट ने शरद पवार गुट की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की, जिसमें कहा गया था कि अजित पवार गुट अदालत का आदेश नहीं मान रहा है, इसलिए उसे विधानसभा चुनाव में घड़ी चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल से रोका जाए। साथ ही अजित पवार गुट को नया चुनाव चिन्ह हासिल करने के लिए चुनाव आयोग में आवेदन करने का निर्देश देने की अपील भी याचिका में की गई थी। गौरतलब है कि अदालत ने पहले भी अजित पवार गुट को निर्देश दिया था कि वे अपने बैनर, पोस्टर पर लिखेंगे कि घड़ी चुनाव चिन्ह विवादित है और इसका मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्जवल भुइयां की बेंच ने अजित पवार के वकील को निर्देश दिया कि अजित गुट नया हलफनामा भी दाखिल करे। साथ ही चेतावनी दी कि यदि आदेश का उल्लंघन किया गया तो वह खुद ही अवमानना का केस शुरू करेगी। मामले की अगली सुनवाई छह नवंबर को होगी। जस्टिस सूर्यकांत ने अजित पवार के वकील बलवीर सिंह से कहा- एक बार जब हमने निर्देश जारी कर दिया, तो उसका पालन करना होगा। आप जवाब दाखिल करें और एक नया हलफनामा दें कि अतीत में भी आपने उल्लंघन नहीं किया है और भविष्य में भी आप उल्लंघन नहीं करेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि दोनों पक्ष हमारे निर्देशों का पालन करेंगे। अपने लिए शर्मनाक स्थिति न बनाएं।