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अमेरिका लगा सकता है रूस के खिलाफ नए प्रतिबंध, ट्रंप ने दिए संकेत

Washington, D.C [USA], Jun 22 (ANI): U.S. President Donald Trump delivers an address to the nation, following U.S. strikes on Iran's nuclear facilities, at the White House in Washington, D.C on Saturday. (Reuters/ANI Photo)

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस पर और सख्त प्रतिबंध लगाने के संकेत दिए हैं। उन्होंने यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस के अड़ियल रवैये के चलते यह कदम उठाने की बात कही है। ट्रंप ने यह साफ नहीं किया कि ये नए प्रतिबंध क्या होंगे। 

वाशिंगटन में रविवार को एक पत्रकार के सवाल पर कि क्या वह प्रतिबंधों के दूसरे चरण को लागू करने के लिए तैयार हैं, इस पर ट्रंप ने संक्षेप में जवाब दिया हां, मैं तैयार हूं।

हालांकि, उनके इस छोटे से जवाब से यह स्पष्ट नहीं हुआ कि वह किस तरह के नए प्रतिबंधों की बात कर रहे हैं या किन देशों को इसका निशाना बनाया जाएगा। 

अगस्त के मध्य में जब एक पत्रकार ने उनसे चीन को लेकर सवाल किया (जिसे रूसी तेल खरीदने पर अब तक दंडात्मक टैरिफ (शुल्क) से छूट मिली हुई है) तो ट्रंप ने जवाब दिया था मुझे दो या तीन हफ्तों में इस पर कुछ सोचना पड़ सकता है या कुछ करना पड़ सकता है।

दूसरी ओर, उन्होंने तेल प्रतिबंधों के लिए भारत को ही जिम्मेदार ठहराया था और उस पर 25 प्रतिशत दंडात्मक शुल्क लगाया था।

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ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए अपनी शांति कूटनीति के तहत तीन सप्ताह पहले एक शिखर सम्मेलन किया था। हालांकि, उन्होंने इस मुलाकात से बड़ी उम्मीदें जताई थीं, लेकिन पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच अभी तक कोई मुलाकात नहीं हुई है और रूस ने यूक्रेन पर अपने हमले तेज कर दिए हैं।

व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के निदेशक केविन हासेट ने कहा कि रूसी हमलों में वृद्धि के बाद मुझे यकीन है कि आज और कल प्रतिबंधों के स्तर और समय के बारे में बहुत चर्चा होगी।

सीबीएस न्यूज के एक इंटरव्यू में नई प्रतिबंधों के समय के बारे में पूछे जाने पर हासेट ने कहा यह अंततः राष्ट्रपति पर निर्भर करता है। लेकिन हां, यह बहुत निराशाजनक स्थिति है।

वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने रूसी तेल खरीदारों पर प्रतिबंध बढ़ाने का एक संभावित तरीका सुझाया, जिसमें यूरोपीय संघ (ईयू) को अमेरिका के साथ मिलकर माध्यमिक प्रतिबंध लगाने के लिए शामिल करना जुड़ा है, ताकि मास्को पर बातचीत के लिए दबाव बनाया जा सके।

उन्होंने इस तथ्य को नजरअंदाज किया कि ईयू स्वयं रूस से सीधे गैस खरीद रहा है और भारत से रूसी तेल से बने उत्पादों को अप्रत्यक्ष रूप से खरीद रहा है।

वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने ईयू के दोहरे मापदंडों की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने एबीसी न्यूज के एक इंटरव्यू में कहा, “कुछ यूरोपीय देश रूसी तेल और गैस खरीदना जारी रखे हुए हैं। यह उचित नहीं है। स्पष्ट और खुले तौर पर कहूं तो, यह उचित नहीं है।

जेलेंस्की ने भारत पर दंडात्मक प्रतिबंधों का समर्थन करते हुए इसे ‘सही विचार’ बताया।

Pic Credit : ANI

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