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श्रीलंका में भारत विरोधी की जीत

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कोलंबो। श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव में वामपंथी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके जिस एनपीपी गठबंधन का नेतृत्व कर रहे थे उसे जीत मिल गई है। बताया जा रहा है कि वे सोमवार को राष्ट्रपति पद की शपथ ले सकते हैं। वे देश के 10वें राष्ट्रपति होंगे और मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की जगह लेंगे। श्रीलंका में 21 सितंबर को चुनाव हुए थे और उसी दिन शाम छह बजे वोटों की गिनती शुरू हो गई थी। अनुरा दिसानायके त्रिकोणात्मक संघर्ष में चुनाव जीते हैं।

बहरहाल, श्रीलंका के चुनावी इतिहास में ये पहली बार हुआ जब किसी भी उम्मीदवार को 50 फीसदी वोट नहीं मिले। इसके बाद दूसरे राउंड की गिनती कराई गई। चुनाव आयोग ने कहा कि दिसानायके और साजिथ प्रेमदासा ने राष्ट्रपति चुनाव में सबसे ज्यादा वोट हासिल किए। इसके बाद इन दोनों उम्मीदवारों में आखिरी मुकाबला हुआ।

श्रीलंका की वेबसाइट ‘डेली मिरर’ के मुताबिक, पहले राउंड में अनुरा दिसानायके को करीब 42.3 फीसदी, साजिथ प्रेमदासा को 32.8 फीसदी और रानिल विक्रमसिंघे को 17.3 फीसदी वोट मिले थे। अनुरा कुमारा दिसानायके वामपंथी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना, जेवीपी के नेता हैं। उन्होंने नेशनल पीपुल्स पावर, एनपीपी गठबंधन की तरफ से राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा। इस गठबंधन को पिछले चुनाव में केवल तीन प्रतिशत वोट मिले थे।

दिसानायके की पार्टी जेवीपी भारत विरोध के लिए जानी जाती है। अनुरा ने चुनाव से पहले भारतीय कंपनी अडाणी के खिलाफ बयान देकर एक नया विवाद शुरू कर दिया। जेवीपी नेता ने वादा किया था कि राष्ट्रपति चुनाव में जीतने के बाद वे श्रीलंका में अडानी ग्रुप की विंड पावर प्रोजेक्ट को रद्द कर देंगे। अनुरा ने कहा था कि अडानी प्रोजक्ट श्रीलंका की ऊर्जा संप्रभुता के लिए खतरा है। गौरतलब है कि अडानी ग्रुप ने इसी साल श्रीलंकाई सरकार से विंड पॉवर स्टेशन डेवलप करने को लेकर सौदा किया है।

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