नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने और अनुच्छेद 370 खत्म करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने बुधवार को सुनवाई की। इस मामले में छठे दिन सुनवाई हुई है। अदालत इस मामले में कई बरसों से दायर 23 याचिकाओं पर नियमित सुनवाई कर रही है। बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान अदालत में जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती भी मौजूद थीं।
बुधवार को छठे दिन जम्मू कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेंस के वकील राजीव धवन ने दलीलें रखीं, उसके बाद वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने अपना पक्ष रखा। दवे ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने का विरोध करते हुए कहा- संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए नहीं किया जा सकता। 2019 में सत्तारूढ़ पार्टी ने अपने घोषणापत्र में कहा था- संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया जाएगा। सत्ता के दुरुपयोग का इससे बड़ा उदाहरण क्या होगा?
राजीव धवन और दुष्यंत दवे की दलीलें सुनने के बाद चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा- हमें उम्मीद है कि याचिकाकर्ता 17 अगस्त तक अपना पक्ष रख लेंगे ताकि अगले हफ्ते से दूसरे पक्ष की दलीलें सुनी जा सकें। मामले की सुनवाई गुरुवार को भी होगी। संविधान पीठ में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से पहले तीन दिन कपिल सिब्बल ने दलीलें दी थीं। उसके बाद गोपाल सुब्रमण्यम ने बहस की।