नई दिल्ली। पाकिस्तान के आतंकवादी शिविरों पर भारतीय सेना की कार्रवाई और उसके बाद पाकिस्तान से हुए संघर्ष को लेकर सोशल मीडिया पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार अली खान महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। हरियाणा की अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर और पलोटिकल साइंस विभाग के हेड महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत दी है। हालांकि अदालत ने उनके खिलाफ जांच रोकने से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत के दौरान महमूदाबाद ऑपरेशन सिंदूर और भारत में हुए आतंकी हमलों या जवाबी कार्रवाई के बारे में कोई भी कमेंट नहीं करेंगे, न ही कोई भाषण देंगे। कोर्ट ने महमूदाबाद के खिलाफ जांच रोकने से इनकार करते हुए केस की जांच के लिए 24 घंटे के भीतर तीन आईपीएस अधिकारियों की विशेष जांच टीम यानी एसआईटी बनाने के आदेश दिए, जिसमें एक महिला अधिकारी शामिल होगी। साथ ही यह भी कहा कि हरियाणा और दिल्ली का कोई अधिकारी इसमें शामिल नहीं होगा। कोर्ट ने महमूदाबाद को पासपोर्ट सरेंडर करने और जांच में सहयोग करने के आदेश दिए हैं।
हरियाणा के सोनीपत में प्रोफेसर अली खान पर दो एफआईआर दर्ज हुई थीं। उन पर आरोप है कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने हैरानी जताई कि दो ऑनलाइन पोस्ट के कारण एफआईआर दर्ज की गई है। कोर्ट ने कहा, ‘हम इस बात से संतुष्ट हैं कि जांच पर रोक लगाने का कोई मामला नहीं बनता, लेकिन शब्दों के इस्तेमाल की प्रवृत्ति को समझने के लिए, हम हरियाणा के डीजीपी को हरियाणा, दिल्ली से संबंधित नहीं होने वाले तीन अधिकारियों के साथ एक एसआईटी गठित करने का निर्देश देते हैं’।