ढाका। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ अदालत के फैसले से पहले देश में हिंसा बढ़ गई है। उनकी पार्टी अवामी लीग ने विरोध में पूरे देश में ‘लॉकडाउन’ की मांग की है। इसके जवाब में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और बांग्लादेश जमात ए इस्लामी के कार्यकर्ता ढाका के कई इलाकों में सड़कों पर उतर गए और कई जगहों पर जुलूस भी निकाले। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को 32 बम फटे और दर्जनों बसों को आग लगाई गई।
इसके बाद गुरुवार रात ढाका हवाईअड्डे के पास भी दो और बम फटे। इसके बाद राजधानी ढाका और बड़े शहरों में स्कूल ऑनलाइन कर दिए गए। पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं। राजधानी में चार सौ पैरामिलिट्री सैनिक तैनात किए गए। सुप्रीम कोर्ट 17 नवंबर को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ मानवता के विरुद्ध अपराध के मामले में फैसला सुनाएगी। हसीना पर 2024 में छात्र आंदोलन में हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है। हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पिछले साल के हिंसक विरोध प्रदर्शनों में सैकड़ों लोगों की हत्या और मानवता के खिलाफ अपराध के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
शेख हसीना ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उनके खिलाफ चल रहा मुकदमा झूठा तमाशा है। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी तानाशाही सरकार के खिलाफ छात्रों के आंदोलन को दबाने के लिए सुरक्षा बलों को निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश दिया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के अनुसार 14 सौ तक लोग मारे गए थे। हालांकि हसीना ने साफ इनकार किया कि उन्होंने कभी ऐसा आदेश नहीं दिया। कोर्ट में जुलाई 2024 का एक लीक ऑडियो सबूत पेश किया गया था, जिसमें हसीना हिंसा रोकने के लिए हथियारों के इस्तेमाल की बात कर रही थी।
