चंडीगढ़। थोड़ा समय लगा लेकिन भाजपा कामयाब हो गई। इस बार कांग्रेस और आप के संबंधों में तनाव का फायदा उठा कर भाजपा चंडीगढ़ में अपना मेयर बनाने में कामयाब रही। इससे पहले पिछले साल मेयर के चुनाव में धांधली के आरोप लगे थे और सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद आम आदमी पार्टी का मेयर चुना गया। पिछली बार चंडीगढ़ से भाजपा की किरण खेर सांसद थीं, जिन्हें वोटिंग का अधिकार था। इसके बावजूद भाजपा हारी। इस बार कांग्रेस के मनीष तिवारी थे फिर भी भाजपा जीत गई।
चंडीगढ़ नगर निगम में भाजपा की हरप्रीत बबला नई मेयर बनी हैं। उन्होंने क्रॉस वोटिंग के बाद दो वोटों से चुनाव जीता। भाजपा उम्मीदवार को 19 वोट मिले। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन की उम्मीदवार प्रेमलता को 17 वोट मिले। मेयर चुनाव में भाजपा के पास सिर्फ 16 पार्षदों का समर्थन था। दूसरी ओर आप के 13 और कांग्रेस के छह पार्षदों के अलावा एक सांसद मनीष तिवारी सहित 20 वोट थे। लेकिन आप और कांग्रेस गठबंधन के तीन लोगों ने क्रॉस वोटिंग की, जिससे आप का मेयर उम्मीदवार हार गया।
हालांकि यह क्रॉस वोटिंग सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में नहीं हुई। तभी सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर दोनों पदों पर कांग्रेस जीती। इससे जाहिर है कि मेयर के चुनाव में कांग्रेस के ही तीन सदस्यों ने क्रॉस वोटिंग की। कांग्रेस के उम्मीदवार जसबीर सिंह बंटी को सीनियर डिप्टी मेयर चुना गया है। उन्हें कुल 19 वोट मिले। जबकि भाजपा उम्मीदवार बिमला दुबे को 17 वोट मिले। इसके अलावा कांग्रेस की तरुणा मेहता डिप्टी मेयर बनीं। उन्हें 19 वोट मिले और भाजपा के उम्मीदवार लखबीर सिंह को 17 वोट मिले।